EXCLUSIVE INTERVIEW: कौन कौन से काम देता है सुकून? क्या करना है बाकी? राष्ट्रीय स्तर पर संभालेंगे जिम्मेदारी? गोली का जवाब गोली नही है….सीधे सवालों के सीधे जवाब..तीन साल के कार्यकाल पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से खास बातचीत..
-हमने प्रदेश की जनता के साथ साथ मुक जानवरों के साथ भी न्याय किया।
– हमारी नक्सल नीति गोली का जवाब केवल गोली नही है।
– मैं तो राहुल जी की टीम का हिस्सा हूं।
– ममता बनर्जी कांग्रेस की लकीर छोटी नही कर पायेंगी।
– उत्तर प्रदेश का रिजल्ट चौकानेवाला होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार के तीन साल पूरा होने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से एमकेएन न्यूज़ और एडीटर जी डांट काम ने खास बातचीत की। हमारे सीधे-सीधे सवालों का मुख्यमंत्री जी ने बेवाकी के साथ जवाब दिया। मुख्यमंत्री जी से खास बातचीत प्रस्तुत है।
एस.के.शेखर- बात है अभिमान के, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के। आपके तीन साल के कार्यकाल को न्याय के तीन साल क्यों माना जाए?
भूपेश बघेल जीः सबसे पहली बात है कि छत्तीसगढ़ के लोगों की जो जरूरतें थीं, हमारे पुरखों ने जो सपने देखे थे, वो आम जनता के सपने थे और उन सपनों को साकार करने का काम हमारी छत्तीसगढ़ की सरकार ने पिछले तीन साल में किया है। चाहे वो किसानों के ऋण की बात हो। हमेशा यह कहा जाता था कि किसान कर्ज में ही पैदा होता है और कर्ज में ही मर जाता है। उसके माथे पर तनाव की लकीर हमेशा रहती थी। हमारी सरकार ने चिन्ता की, उन लकीरों को मिटाने का, हमने उन तनाव को खत्म करने का काम किया है। हमने किसानों को कर्ज से मुक्त किया और 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का काम किया जो ऐतहासिक है। इतिहास में दर्ज है कि अबतक किसी सरकार ने किसानों को धान की कीमत 2500 रूपए प्रति क्विंटल नही दिया है। तो किसानों के चहरे पर जो खुशहाली है। उन्हें न्याय मिला, तो अन्दाता के साथ न्याय हुआ, वो हमारे लिए बड़ी बात है।
विपरित परिस्थिति में, भारत सरकार के लगातार अड़ंगेबाजी, फिर चुनाव और फिर दो साल कोरोना, उसके बाद भी सरकार किसानों के साथ खड़ी रही। सरकार ने किसानों के साथ न्याय किया। दूसरी बात यह कि देश में जितने भी लघुवनोपज की खरीदी हुई उसका 74 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में खरीदा गया। वन विभाग द्वारा 11-11 पुरस्कार दिए गए। और न केवल खरीदी की बल्कि वनोपज के समर्थन मूल्य की घोषणा की और तेन्दुपत्ता तो 4000 प्रति मानक बोरा की दर से खरीदा। सरकार के इन फैसलों से आदिवासियों के जेब में पैसा गया। उनके साथ न्याय हआ। तिसरी बात यह है कि अब हम मजदूरों के लिए भी न्याय योजना लागू कर रहें है। राजीव गांधी खेतिहर-मजदूर न्याय योजना लागू कर रहें है जो देश में पहला होगा। न्याय तो हम मुक गायों के साथ भी कर रहें है। राज्य में गोधन न्याय योजना की शुरूआत की है और 2 रूपए प्रति किलों की दर से गोबर खरीद रहें है। हमने गोबर को कीमती बनाया और डीएपी और अन्य खाद की जगह गोबर से बने कंपोस्ट का उपयोग हो रहा है। किसानों की आय बढ़ रही है और प्रदेश के उद्योग-व्यापार फल-फूल रहें है। सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों के लिए न्याय किया है।
एस.के.शेखर- आपके तीन काम, जिसकी वजह से आपको सबसे ज्यादा सुकून मिलता है?
भूपेश बघेलः पहली बात तो पदेश की जनता के चेहरे पर जो मुस्कान है वो सबसे ज्यादा सुकून देता है। वो, जो जानवर जो बोल नही पाता उसकी सेवा करने पर सुकून है और तिसरा जो हमारे जंगल में रहनेवाले लोग है, जो उन्मुक्त रहते हैं। जो निश्चिंत होकर भ्रमण करते है, अब धीरे-धीरे वो स्थिति आ रही है। नक्सलियों का दायरा सिमटता जा रहा है और वहां रहनेवाले आदिवासी अब खुशहाली से अपना जीवन यापन कर रहें है। लोगों ने जो सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है। चाहे रोजगार हो, चाहे वैल्यू एडिशन हो, चाहे जंगल में जमीन देने की बात हो, चाहे जंगल पर अधिकार देने की बात हो, पानी पर अधिकार देने की बात हो। आदिवासियों को वो मिला है। वो जो प्रशन्नता है और उनके साथ-साथ हमारे बच्चो को जो शिक्षा की व्यवस्था है, स्वास्थ की व्यवस्था है वो अब हम अन्दर तक पहुंचाने में सफल हो रहे हैं और जो आदिवासी है वो खुशहाली से जीवन यापन कर रहें है।
एस.के.शेखर-आप गुजरात मांडल के बरक्स छत्तीसगढ़ मांडल की बात करते हैं। क्या है छत्तीसगढ़ मांडल? क्या है इसकी विशेषता?
भूपेश बघेल- गुजरात मांडल मोदी जी का मांडल है। मोदी जी के मांडल में अमीर और अमीर होता है और गरीब और गरीब होता चला जाता है। छत्तीसगढ़ का जो मांडल है वो कांग्रेस का मांडल है, वो गांधी का मांडल है। इसमें सबको काम है। खजाने के पैसे पर सबका अधिकार है और उसका वितरण सभी तक होना चाहिए। चाहे पीडीएस के माध्यम से हो, चाहे शिक्षा के माध्यम से हो, चाहे स्वास्थ के माध्यम से हो या रोजगार या किसान के माध्यम से । सबतक पैसा पहुंचे और सबको सुविधा मिले ताकि समग्र और समन्वित प्रयास से पूरे प्रदेश का विकास हो। कोई वर्ग छूटना नही चाहिए। तो सभी वर्गों को साथ में लेकर चलने का और उसके न्याय दिलाने का मांडल है छत्तीसगढ़ मांडल।
एस.के.शेखरः लेकिन आपपर आरोप लगता है कि आधारभूत संरचनाओं के विकास के मामले में आपने प्रदेश को काफी पीछे धकेल दिया है?
भूपेश बघेल- जहां तक आधारभूत संरचनाओं के विकास का मामला है इससाल हमने 13 हजार करोड़ रूपए की सड़कें और पुल-पुलिया स्वीकृत की है। बीजेपी बता दे कि किस कार्यकाल में 13 हजार करोड़ रूपए की सड़के स्वीकृत हुई। पुल-पुलिया बने। वो भी बन रहें है। 172 अंग्रेजी माध्यम स्कूल, जो स्कूल खंडहर हो गए थे उसे बनाकर मांडल स्कूल बना दिया। मांडल की तरह विकसित किए। बीजेपी बता दे कि उसके शासनकाल में एकाध भी बढ़िया स्कूल खोल दिया हो। कांलेज की बात करें तो बीजेपी ने 15 साल में 4 मेडिकल कांलेज खोले थे हमने 3 साल में ही 4 मेडिकल कांलेज खोल दिया। हम आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर भी लगातार काम कर हैं। उन्होंने नया राजधानी बनाया। हम बसाने का काम कर रहें हैं। लेकिन हमारी प्राथमिकता व्यक्ति को इकाई मानकर विकास की है और इस पद्धति से हम जो कहानी गढ़ रहें है उसकी पूरे देश में चर्चा है। हमारा विकास का मांडल गांधी जी के विकास का मांडल है।
एस.के.शेखर- आपने प्रदेश के कर्ज के बोझ तले लाद दिया है राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है?
भूपेश बघेलः यदि भारत सरकार सेन्ट्रल एक्साईज का हमारा पैसा दे दे तो हमे कर्ज लेने की जरूरत ही ना पड़े। केन्द्र सरकार के पास हमारा बीस हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है। 4 हजार करोड़ रूपए तो अकेले कोल पेनाल्टी का है। यदि केन्द्र सरकार पैसा दे दे तो हम नई योजना भी शुरू कर सकते हैं।
एस.के.शेखरः कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रदेश की जनता से आपने जो वायदे किए थे उसमें से कई प्रमुख वायदे अभी तक पूरे नही हुए। कबतक पूरे होंगे वे वायदें? विशेषकर संपत्तिकर आधा करने और शराबबंदी का वायदा?
भूपेश बघेलः संपत्तिकर मामले में तो मंत्री जी पहले ही बोल चुके हैं। संपत्तिकर में तो कोई बृद्धि नही की है हमने। बल्कि उसमें कटौती हुई है। पिछली सरकार तो हर साल संपत्तिकर बढ़ाती थी, हमने तो नही बढ़ाया है।
एस.के.शेखर- आप शराबबंदी कब करेंगे?
भूपेश बघेल- शराबबंदी के मामले में चाहे बिहार का अनुभव हो या गुजरात का या फिर लांकडाउन के समय का अनुभव। लांकडाउन के समय आपने देखा कि लांकडाउन के बाबजूद शराब कैसे पहुंचता था। ये सब अध्ययन करना पड़ेगा। दूसरी बात यह है कि कोरोना काल की वजह से इस विषय पर राय लेने के लिए हम समाज के पास नही जा सके। चुंकि शराब एक सामाजिक बुराई है इसलिए समाज को विश्वास में लेकर ही इस विषय में कोई निर्णय लेना होगा। अचानक नोटबंदी और लांकडाउन की तरह शराबबंदी नही हो सकती। सबको विश्वास में लेकर ही इसे लागू करना होगा।
एस.के.शेखर- आपकी नक्सल नीति की भी आलोचना होती है कि नक्सल मोर्चे पर आपकी नीति बड़ी ढु़लमुल किस्म की है?
भूपेश बघेलः विपक्ष तीन साल में इस मुद्दे पर एक भी बार न स्थगन लाया और न ही ध्यानाकर्षण। इसी से स्पष्ट हो जाता है कि हमारी नक्सल नीति क्या है। हमारी नीति में गोली के जवाब में केवल गोली नही चलाई जा सकती। सुरक्षा कैंप जरूरी है। मैं मानता हुं कैंप खोलना जरूरी है। लेकिन इसका ये मतलब नही कि आप नक्सली मानकर सबको भून दें। जरूरी ये है कि वहां रहनेवालों का विश्वास जीता जाए। चाहे वो वनवासी हो या परंपरागत रूप से निवास करनेवाले आदिवासी। चाहे वो व्यापारी हो, पत्रकार हो या सुरक्षाकर्मी, जो भी वहां रह रहा है उसका विश्वास जीतकर ही आगे बढ़ा जा सकता है। ये काम पिछले तीन साल में हमारी सरकार ने किया है। चाहे आदिवासियों को जमीन देने की बात हो, वनोपज खरीदी की बात हो, वैल्यू एडिशन की बात हो, सामाजिक स्तर पर घोटूल व देवगुड़ी निर्माण या स्कूल या अस्पताल अथवा पीडीएस दुकान बनाने की बात हो, हमने किया है। अब वहां के लोगों को लगने लगा है कि यह हमारी सरकार है और इसी वजह से नक्सली पीछे हटने पर मजबूर हुए हैं।
एस.के.शेखरः अब आपकी पहचान एक राष्ट्रीय नेता के रूप में भी है। केन्द्रीय नेतृत्व आपको राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट भी कर रहा है। अभी युपी जैसे महत्वपूर्ण प्रदेश की जिम्मेदारी है। क्या होनेवाला है युपी में?
भूपेश बघेल- इसके लिए हमारी राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी और राहुल गांधी जी धन्यवाद के पात्र है कि उन्होंने प्रदेश नेतृत्व का भी राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग किया है। मुझे न केवल झारखंड, विदर्भ और असम की जिम्मेदारी दी गई बल्कि उत्तर प्रदेश का पर्यवेक्षक भी बनाया है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने का एक नया प्रयोग किया है और यह मेरा सौभाग्य है कि उस कड़ी में मुझे राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है इसके लिए मैं राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
एस.के.शेखर- उत्तर प्रदेश में क्या होनेवाला है। क्या रिजल्ट होगा?
भूपेश बघेल- उत्तर प्रदेश में हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नही है। लेकिन प्रियंका जी के काम करने की जो शैली है। उनकी जो कार्यक्षमता, संघर्षशीलता और संवेदनशीलता है, वो युपी के लोगों के दिलों को छू गया है। वो हर संकट में, हर परिस्थिति में यूपी की आम जनता के साथ खड़ी रहती हैं। चाहे आम जनता हो, दलित हो, महिला हो, नौजबान हो वे सबके साथ खड़ी रहती है। उनकी आबाज बुलंद करती हैं। उनकी सक्रियता से आज सरकार बैकफुट पर आई है। चाहे युपी सरकार हो या भारत सरकार उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा है। प्रियंका जी उत्तर प्रदेश में लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनती जा रही हैं और अब उत्तर प्रदेश की राजनीति उनके इर्द-गिर्द चलेगी। उत्तर प्रदेश में परिवर्तन दिखाई दे रहा है और वहां का रिजल्ट चौकानेवाला होगा।
एस.के.शेखर- आपको जिस तरह से नेतृत्व द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है उसे देखते हुए क्या आप आनेवाले समय में राहुल जी की केन्द्रीय टीम का हिस्सा होंगे?
भूपेश बघेलः राहुल जी का विश्वास था तभी मुझे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। मुझे मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई और काम करने का मौका मिला। मुझे उनका विश्वास पहले से हासिल है और मैं तो उनकी टीम में हूं ही।
एस.के.शेखरः कांग्रेस को लेकर ममता बनर्जी के जो कैंपेन है उसे कैसे देखते है और आपको लगता है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की कार्यप्रणाली में कुछ बदलाब की जरूरत है?
भूपेश बघेलः ममता जी ने गलत कदम उठाया है। उन्हें कांग्रेस की आलोचना नही करनी थी। वो कांग्रेस की लकीर छोटी कर अपनी लकीर बड़ा नही कर सकती यदि विपक्ष में है तों। उनको यदि अपनी लकीर बड़ी करनी है तो जैसे वे पश्चित बंगाल में बीजेपी से टकराई, राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें वैसे ही बीजेपी से टकराना होगा। कांग्रेस की लकीर न कोई छोटा कर पाया है और न कर पायेगा।
एस.के.शेखर- अगले दो साल की आपकी कार्ययोजना क्या है। क्या खास करनेवाले हैं?
भूपेश बघेल– धरातल पर हमारे बहुत से काम चल रहें है। आगामी दो साल में उसे पूरा किया जाएगा और हमारे पूरखों ने जो समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना देखा था हम उन सपनों को साकार करेंगे।
एस.के.शेखरः आपने अपने विधायकों को भरोसा दिलाया है कि अगले चुनाव में आप उन्हें जीत दिलायेंगे। इसके क्या मायने हैं?
भूपेश बघेलः जब सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी ने मुझे दल का नेता बनाया है। हमपर भरोसा जताया है तो मुझे हमारे दल के सदस्यों को यह विश्वास और भरोसा तो दिलाना ही पड़ेगा कि हम उन्हें जीताकर लायेंगे।
एस.के.शेखर- भूपेश जी हमसे बात करने लिए आपने अपना कीमती वक्त निकाला इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
भूपेश बघेल- जी आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार।