
रायपुर। निलंबित IPS जीपी सिंह को गुड़गाँव से गिरफ्तार कर पुलिस रायपुर EOW दफ्तर पहुँच गई है. बता दें कि निलंबित एडीजी जीपी सिंह पिछले 3 महीने से फरार चल रहे थे. राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो में पुलिस हाजिर किया गया है।
बता दें कि निलबिंत आईपीएस जीपी सिंह को मगंलवार को देर शाम गुडगांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद वहां से उन्हें एसीबी की टीम रायपुर लेकर पहुंची है।
मंगलवार को गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए ACB/EOW के DIG शेख आरिफ ने बताया कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जी.पी.सिंह को प्रकरण की विवेचना में उपस्थित होने के लिए कई नोटिस जारी किए गए थे और उसके बाद भी वह विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे थे ना और ना ही EOW कार्यालय में उपस्थित हो रहे थे…. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी उन्हें कोई राहत नहीं प्रदान कि गयी थी जिसके बाद एसीबी ईओडब्लू की टीमें उनके सभी संभावित ठिकानो पर तलाश कर रही थी मंगलवार को देर शाम EOW की टीम ने गुरजिंदर पाल सिंह को पूछताछ के लिए गुड़गाँव से गिरफ्तार किया है और उनको रायपुर जा रहा है।
बता दें की एक जुलाई 2021 को जीपी के घर पड़ा था छापा में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने एक जुलाई 2021 को जीपी सिंह के रायपुर स्थित सरकारी आवास सहित उनसे जुड़े 15 ठिकानों पर छापा मारा था। करीब 68 घंटे चली कार्रवाई के बाद मिले कागजातों के आधार पर जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था।
जांच में दस करोड़ से ज्यादा की अघोषित संपत्ति और सोना बरामद किया गया था। जिसकी वे सही जानकारी नहीं दे पाए थे। कारोबारी मित्र प्रीतपाल सिंह चंडोक के घर से 13 लाख रुपये, राजनांदगांव में चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश बाफना के दफ्तर से जीपी सिंह की पत्नी और बेटों के नाम 79 बीमा पालिसी मिली थी।