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इन्सेफलाइटिस : अब तक 112 की मौत, परिजनों का आरोप- अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा, न मिल रहा ORS

मुजफ्फरपुर
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक ओर बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है, दूसरी ओर संसाधनों की कमी और मरीजों की संख्या से अस्पताल प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। तीमारदारों का आरोप है कि बुखार से पीड़ित बच्चों को मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) ला रहे परिजनों को वापस लौटाया जा रहा है। बच्चों को ओआरएस का घोल भी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक मुजफ्फरपुर में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से 112 बच्चों की मौत हो चुकी है।

बुधवार को श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज पहुंचे बच्चों की माताओं ने कहा कि उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और आरोप लगाया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जा रहा है। माताओं ने कहा, ‘किसी ने हमें ओआरएस के बारे में हमें कुछ नहीं बताया और न ही उपलब्ध कराया। हमें एईएस के लक्षण नहीं पता हैं। हमारे बच्चे 4 से 5 दिन से बुखार से तप रहे हैं। डॉक्टर ने हमें बच्चों को दवाई देने को कहा और कहा कि इसके बाद भी अगर बुखार नहीं उतरा तो भर्ती कराया जाएगा। हमारे पास पैसा नहीं है।’ 
बिजली नहीं आती, बदहाल मरीज 
अस्पताल में बदहाली बयां करते हुए मरीज के परिजनों ने बताया, ‘हर लगातार लाइट जाती रहती है। इसके लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं हैं। हम हाथ से पंखा करते हैं। गर्मी की वजह से बच्चे रोने लगते हैं।’ 

अस्पताल में संसाधनों की कमी 

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले एईएस से लगातार हो रही मौत से व्यवस्था चरमरा गई है। इस वक्त मुजफ्फरपुर के एचकेएमसीएच में इस घातक बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हैं। यहां 300 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पताल में पांव तक रखने की जगह नहीं मिल रही है। इस वक्त अस्पताल में हर जगह अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिलेगा। एक ही बेड पर तीन से चार बच्चों का इलाज चल रहा है। परिजनों के लिए जगह नहीं है तो वे जमीन पर लेटकर गुजारा कर रहे हैं। माताएं अपनी नन्हीं जान के लिए बिलख रही हैं। जगह-जगह गंदगी और सबसे मुख्य बात है डॉक्टरों की कमी। 

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