अम्बिकापुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पार्षद आलोक दुबे ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा है कि जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर एवं मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में निम्न अमूल-चुल परिवर्तन करना पड़ेगा। जब तक जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय अलग-अलग नहीं होंगे ऐसी घटनाएं होती रहेगी। इस तरह की घटना का मूल कारण दो विभागों की वर्चस्व की लड़ाई है। चिकित्सालय में जितने भी विभाग हैं उनके एचओडी चिकित्सा शिक्षा विभाग के जूनियर डॉक्टर है उनसे 20-25 साल सीनियर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को (जो कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ है) एचओडी का सहायक बनाकर रखा गया है, क्योंकि जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रूप में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित किया हुआ है। ऐसी ही स्थिति सभी वार्डों में प्रभारी जुनियर नर्सें अपने से सीनियर नर्सों की बॉस बनकर बैठी हैं।
आलोक दुबे ने कहा कि अधिकांश मेडिकल कॉलेज के एचओडी स्टाफ नर्स, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और डीन बिलासपुर और रायपुर के हैं। शुक्रवार को दोपहर में यह सभी अम्बिकापुर से बिलासपुर और रायपुर को प्रस्थान कर जाते हैं। मेडिकल सुप्रीटेंडेंट एवं डीन तो रायपुर में मीटिंग का बहाना करके बुधवार या गुरुवार को ही अपने घर बिलासपुर निकल जाते हैं। इनके अनुपस्थिति में यह सभी विभाग और वार्डों के जिला चिकित्सालय के पदस्थ सीनियर डॉक्टर और नर्सेस अपने जिम्मेदारी न मानते हुए चुपचाप रहते हैं। उन्हें भी जिला चिकित्सालय उन्हें भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से। वो अम्बिकपुर में रहे तब तो कुछ जिम्मेदारी निभा पाएं। पूरी लापरवाही/जिम्मेदारी एमएस के कुप्रबंधन की है जब तक यह दोनों सेट-अप एक साथ होंगे तो ऐसी घटनाएं बार-बार होंगी। जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन चिकित्सालय में बैठते ही नहीं है। वे 12 बजे दिन से 12:30 बजे तक सीएमएचओ कार्यालय में अपने लिए बनाए छोटे से 6×6 के चेम्बर में होते हैं। फिर उसके बाद अपने घर प्रस्थान कर प्राइवेट प्रेक्टिस में संलग्न हो जाते हैं।
आलोक दुबे ने यह भी कहा है कि छःग शासन में स्वास्थ्य मंत्री के पद में रहने के साथ-साथ हमारे अम्बिकापुर विधान सभा के विधायक भी हैं। साथ ही आपके अधिनस्थ आपके विधान सभा क्षेत्र में ही जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज का भी संचालन हो रहा है। प्रदेश के साथ ही आपकी विशेष जवाबदारी अम्बिकापुर के विधायक होने के नाते जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर एवं मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर की जवाबदारी है। अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता बहुत उम्मीद से आपसे यह उम्मीद लगाई थी कि, स्वास्थ्य विभाग के मंत्री पद पर रहते हुए जिला चिकित्सालय अंबिकापुर एवं मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर की व्यवस्था सुचारू एवं चौक-चौबंद रहेगी। किंतु दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि, चार साल बीत गये किन्तु शहर की जनता आपसे निराश है।