छत्तीसगढ़ में धान खरीदी किं शुरुआत तो 14 नवम्बर सेहो गई है, लेकिन सोसाइटियों में अभी तक समय में धान का उठाव न होने से समितियों में धान के लगातार जाम की स्थिति बन रही है, बात यहाँ तक पहुंच गयी है की धान न उठने से धान की खरीदी भी बंद हो सकती है, राइस मिलरों के साथ सरकार के साथ हुई बैठक में कोई भी सार्थक फैसला अभी तक नही आया है वही देखा जा रहा है तो राइस मिलर अपने बचे भुगतान को लेकर अरे हुए है कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ राइस मिलरों की बैठक भी हुई थी लेकिन उसके बाद भी अभी तक राइस मिलर द्वारा धान का उठाव नही किया जा रहा है जिससे समितियों में लगा तार धान का ढेर लगते जा रहा है जिससे जगह न होने के कारण समिति प्रबंधक अब धान खरीदी न करने की बात कर रहे है वही समिति प्रबंधकों के द्वारा कहा गया कि 14 नमवबर से धान खरीदी मि शुरुआत की गई है । लेकिन मिलरों का अभी तक मिलरों के द्वारा पंजीयन नही किया गया है । हर साल एक दिसंबर से धान का उठाव शुरू हो जाता था लेकिन इस साल अभी तक उठाव नही किया जा रहा है जिससे रखने की जगह भी हमारे पास नही है । व राइस मिलर के द्वारा कहा गया कि मिलर्स का करोड़ो रूपये बकाया हुआ है मिलर्स का भुगतान दो साल से नही हुआ है । मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमने बार दाना पूरे प्रदेश में जमा करवा लिया था एग्रीमेंट भी करवाना शुरू कर दिया था लेकिन एग्रीमेंट में बहुत सारी दिक्कतें थी जिसको मुख्यमंत्री ले निर्देश पर अधिकारियों कों सुधार करना था लेकिन उसमे कोई सुधार कार्य नही हुआ है और 22 व 23 का 60 रुपये के हिसाब से जो भुगतान नही हुआ था उसका भी कैबिनेट में कुछहुआ है जिसके कारण मिलर की आर्थिक स्थिति खराब है जब तक मिलर की आर्थिक स्थिति नही सुधरती तब तक मिलिग कार्य करने में असमर्थ है इस लिए इसी कारण मिलर्स धान खरीदी नही कर पा रहा है
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