दीपक यादव की कलम से
चांपा। इसे दूसरे भगवान की दगाबाजी नहीं तो और क्या कहें ? वे हर बीमारी के सफल इलाज का दावा करते हैं। तो इलाके के ही कुछ लोग बताते हैं कि उनके पास हर बीमारी का इलाज जरूर है मगर लाज की बात ये है कि डॉक्टर साहब के पास बस डिग्री नहीं है। सुनकर हम तो गए कांप यानि डॉक्टर साहब भी झोलाछाप (Scandal doctor) ! चांपा के इन डॉक्टर साहब का करिश्मा जिसने भी सुना वह भय से कांपा! अरे हुजूर जब अपनी जान पर बन आती है न तो हर किसी की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है।
कहां हैं ये कमाल के डॉक्टर साहब
चांपा में एक डॉक्टर साहब ऐसे भी हैं जो झोलाछाप डॉक्टर के कैटेगरी में आते हैं लेकिन छाती ठोंक कर छोटे से लेकर बड़े तकलीफ को दूर करने का दावा करते हैं। इनकी मानें तो उनके पास हर बीमारी का कारगर इलाज है। बस अगर कुछ नहीं है तो वो है वैध डिग्री ( legal degree) ।
फर्जी डिग्रियों से भरा हुआ है साइन बोर्ड
संस्कृत में एक कहावत है कि वचने का दरिद्रता। उसी की तर्ज पर डॉक्टर साहब की दुकान पर लगे साइन बोर्ड में तमाम अनाप-शनाप डिग्रियां लिखी हुई हैं।
अकेले नहीं और भी कई हैं निशाने पर
ऐसे डॉक्टर साहब एक नहीं चांपा क्षेत्र में अनेक हैं लेकिन फिर हाल हम यहां एक ऐसे डॉक्टर साहब का उल्लेख कर रहे हैं जो मरीज का इलाज करने का दमखम नहीं रखते फिर भी सफल चिकित्सक होने का दावा करते हैं।
चलिए हल्का किए देते हैं आपका सस्पेंस
डॉक्टर का अता पता लगाने के लिए कि आखिर वे कौन है एक सुराग देते हैं । यह पहले संजय नगर में अपनी क्लीनिक रूपी दुकान चलाते थे। इस दौरान किसी बेचारे मरीज का शारीरिक कष्ट को दूर करने के नाम पर एक ऐसा इंजेक्शन लगाया गया कि इंफेक्शन के चलते मरीज की एक टांग खतरे में पड़ गई ।
लाखों खर्च करने के बाद
बेचारा मरीज आनन-फानन में बड़े चिकित्सा से इलाज मैं लाखों गंवाना पड़ा लाचार मरीज का जान तो बच गया लेकिन आज भी वह एक टांग से लाचार तथा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। इसके बाद इस डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ लेकिन जैसे तैसे पुलिस के चंगुल से डॉक्टर साहब छूट गए अब यह डॉक्टर साहब पुरानी नगरपालिका के आसपास किसी दूसरे डॉक्टर के क्लीनिक में बैठकर कमंडलाचार कर रहे हैं।
यानि दूसरे के कंधे पर रायफल रखकर निशाना साधने में लगे हुए हैं । खबर तो ये भी है कि यहां भी इनकी डॉक्टरी रूपी दुकान जमाने लगी है। बात अगर दो टूक कहें तो ये कि एक की जिंदगी से खिलवाड़ करने के बाद अब दूसरे की जिंदगी को दांव पर लगाने को तैयार हैं। शासन प्रशासन (government -administration) भी चुप्पी साधे तमामशबीन बना बैठा है। अब सुधी पाठक स्वयं यह पता लगाएं कि यह झोलाछाप डॉक्टर साहब का नाम और अता पता क्या है! कौन हैं ,बूझो तो जानें ?