संसद में शीतकालीन सत्र में संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर लोकसभा में चर्चा का शनिवार को दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच शुरू हो गई है। मोदी बोले- हम सबके लिए और सभी देशवासियों के लिए इतना ही नहीं, विश्व के लोकतांत्रिक देशों के नागरिकों के लिए ये गौरव का पर्व है। बड़े गर्व के साथ लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का ये अवसर है।
मोदी बोले- संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार यात्रा है। इसके मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दिव्य दृष्टि, उनका योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। 75 साल पूर्ण होने पर उत्सव का पर्व है। मेरे लिए खुशी की बात है कि संसद भी इस उत्सव में शामिल होकर अपनी भावनाओं को प्रकट कर रही है।
मोदी बोले- 75 साल की ये उपलब्धि साधारण नहीं असाधारण है। जब देश आजाद हुआ, उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गईं थी, उन सभी संभावनाओं को परास्त करते हुए संविधान हमें यहां तक ले आया है। इस महान उपलब्धि के लिए संविधान निर्माताओं के साथ-साथ मैं देश के कोटि-कोटि नागरिकों को नमन करता हूं।
भारत का नागरिक सर्वाधिक अभिनंदन का भागी है। संविधान निर्माता इस बात पर बहुत सजग थे। ये वो नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 में हुआ। वे मानते थे कि यहां की महान परंपरा को हजारों साल की उस यात्रा के लिए वे सजग थे। भारत का लोकतंत्र, गणतांत्रिक अतीत समृद्ध रहा है, विश्व के लिए प्रेरक रहा है। तभी भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है। हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र नहीं, हम लोकतंत्र की जननी हैं।