छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के मौके पर सभी को शुभकामनाएं दी, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजन के सर्वांगीण विकास और स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन राजधानी रायपुर के सड़को की ये तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही है,जहां प्रदेश का दिव्यांग संघ पिछले कई सालों से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहा है और फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी को लेकर विरोध..कर रहा है वही आज यानी 3 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के दिन ही संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगो को लेकर पैदल मार्च निकाला। संघ ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का बहिष्कार करते हुए मरीन ड्राइव से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च निकलना चाहा, और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपना चाहा लेकिन इन दिव्यांगों को पुलिस द्वारा पैदल मार्च करने से भी रोक दिया गया और टिकरापारा साहू भवन में कैद कर दिया गया, वही दूसरी तरफ दिव्यांग संघ का कहना है की वो अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करवा कर ही रहेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन नहीं रुकेगा।
आइये अब आपको बताते हैं की आखिर दिवांग जनो की मांग है क्या-
1. राज्य मेडिकल बोर्ड या संभाग मेडिकल बोर्ड ऐसे डिप्टी कलेक्टर के दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच करे।जो लोग फर्जी तरीके से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर डिप्टी कलेक्टर बने हैं,
2. ऐसी दिव्यांग महिलाएं जो 30 से 40 साल के हो गयी हैं, और जिनकी शादी नहीं हो पा रही है। तो सरकार उनके लिए महतारी वंदन योजना की तरह ही दिव्यांग वंदन योजना चलाये
3. सरकार दिव्यांगों के पेंशन को बढाकर 500 से 5000 रूपए प्रति माह करे
4. सरकार सभी विभागों में दिव्यांग कोटा के बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान विज्ञापन जारी करे और इसके लिए परिपत्र भी जारी करे।
5. कोरोना काल के पहले जिन दिव्यांगों ने सरकार से कर्ज लिया था, सरकार उन सभी दिव्यांगों का कर्ज माफ करे।
6. शासन के निर्धारित मापदंड के अनुसार 3% पदों पर 1 नवंबर 2000 से पदोन्नति पदों की गणना कर तत्काल उसकी 3 प्रतिशत पदोन्नति प्रदान करें।
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