रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में गांजा की अवैध तस्करी थमने का नाम नहीं ले रहा है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बात का दावा करते हैं कि गांजा की एक पत्ती मिली तो सख्त कार्यवाही होगी। इन सबके बाद भी तस्कर सक्रिय हैं और राज्य पुलिस ने जो एंटी नारकोटिक्स सेल टास्कफोर्स बनाया है वह पूरी तरह से निष्क्रिय व असफल हैं। छत्तीसगढ़ इन दिनों देश के भीतर नशे के नेशनल हाईवे के नाम से कुख्यात होता जा रहा है। प्रदेश के रास्तों से ही गांजा की लगातार अवैध तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा के सदन में स्वीकारा है कि गांजा की तस्करी का मामला प्रदेश में लगातार बढ़ा है पिछले ढाई महीनों के भीतर ही उड़ीसा से लगे सीमावर्ती क्षेत्र से 517 किलोग्राम गांजा की तस्करी का मामला सामने आया हैं। वहीं प्रदेश के महासमुंद जिले में तीन महीनों में तस्करी से 1474 किलोग्राम गांजा जब्त किया है। जिसकी कीमत लगभग तीन करोड़ रुपए आंकी गई है। वहीं राजधानी रायपुर में तीन महीनों के भीतर 14 मामलों में 39 तस्करों से 98 लाख रुपए के नशे का सामान जब्त हुआ है। सांकरा इलाके से 103 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि हालत इस कदर बिगड़ चुके है कि तस्कर बेखौफ होकर गांजा की तस्करी कर रहे हैं। आम से लदे ट्रक में 1 करोड़ 22 लाख रुपए का 610 किलोग्राम गांजा मिला है। गरियाबंद में 40 किलोग्राम गांजा मिला तो वहीं बस्तर संभाग के कोण्डागांव जिले में 42 लाख रुपए का 213 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है। वहीं दो तस्करों से बिलासपुर में 1 क्विंटल गांजा जब्त किया गया है। वहीं महासमुंद में तस्कर 1 क्विंटल गांजा छोड़ गया फरार हो गया है तथा महासमुंद में दो स्थानों से डेढ़ क्विंटल गांजा बरामद किया गया है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री दावा करते है कि तस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है लेकिन आंकड़े बताते है कि तस्कर बेखौफ होकर छत्तीसगढ़ के रास्ते तस्करी कर रहे हैं।यह सारी कार्यवाही केवल औपचारिक है। पुलिस ने एंटी नारकोटिक्स सेल बनाया है लेकिन यह सेल क्या काम कर रही है,यह समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ प्रदेश में सख्त अभियान चलाया जाए इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जिससे गांजा सहित नशा के अवैध तस्करी पर अंकुश लग सके।