शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन में कार्यवाही के पहले बधाइयों की गूँज गुंजी, विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर डॉ रमन सिंह का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। जिस पर सदन के सदस्यों ने उन्हें बधाई दी।वही शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा गूंजा। कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि, मार्केट में फायर ऑडिट के सर्टिफिकेट 2 हजार रुपए में बिक रहे हैं। धर्मजीत सिंह ने पूछा कि, फायर सेफ्टी के लिए क्या प्रावधान ? कब-कब फायर सेफ्टी का ऑडिट कराया गया ?
जिस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने फायर सेफ्टी की जानकारी देते हुए कहा कि, 30 बिस्तर अधिक और 9 मीटर ऊंचे अस्पतालों में फायर सेफ्टी अनिवार्य है। समय-समय पर फायर सेफ्टी का ऑडिट कराया जाता है। लापरवाही पाए जाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। फायर ऑडिट का काम छत्तीसगढ़ में गृह विभाग करती है और प्रमाण पत्र भी गृह विभाग देती है।
आगे धर्मजीत सिंह ने फायर सेफ्टी का आंकड़ा पूछा, धर्मजीत सिंह ने कहा की मेकाहारा में आग लगी और कई अस्पतालों में भी इस तरह की वारदातें सामने आई, फायर ऑडिट करता कौन है , पिछले 2 महीने में कोई मॉकड्रिल हुआ है क्या ?
जिसका जबाव देते हुए मंत्री जायसवाल ने कहा की छग में फायर ऑडिट गृह विभाग करती है..
धर्मजीत सिंह ने कहा कि, मंत्री जी के पास फायर ऑडिट की सही पूरी जानकारी नहीं है। अगर काम गृह विभाग का है, तब बिना जांच के आपने लाइसेंस कैसे दिया। सामने गृहमंत्री भी बैठे हैं। दोनों ही मंत्रियों से निवेदन है कि फायर ऑडिट सक्षम अधिकारियों से कराइएगा।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, प्रश्न महत्वपूर्ण और लाजमी है। इस पर पिछले 5 वर्षों में कुछ नहीं हुआ। लेकिन आपके ध्यानाकर्षण के बाद इस काम को जरूर किया जाएगा..
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