CRIME NEWS: दरिंदों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप कर की हत्या, निचले हिस्से को चाकू से काटा
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से गैंगरेप का एक दर्दनाक मामला सामने आया है. जहाँ दरिंदों ने बारह वर्षीय नाबालिग दलित बालिका की गैंगरेप किया और उसके बाद हत्या भी कर दी. वहीं नाबालिग का लाश बृजमनगंज थानाक्षेत्र के रेहरवा अंडर बाइपास के करीब नग्नावस्था में बरामद किया गया. जिसके बाद पुलिस बाघ व सियार के हमले से मौत की वजह बता रही थी, लेकिन इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेताओं के दबाव के बाद अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ था.
इस मामले की जांच के लिए एसपी ने SOG टीम को लगाया और केस में छठवें दिन घटना का दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ.
वहीं इस मामले को उठाने वाले फरेंदा विधानसभा क्षेत्र के एसपी नेता अमित चौबे का ट्विटर व फेसबुक प्रोफाइल एक महीने के लिए सस्पेंड हो गया है. एसपी नेता अमित चौबे का आरोप है कि पुलिस अपराध को छिपा रही थी, समाजवादी पार्टी के दबाव के चलते केस दर्ज हुआ.
दरिंदों ने हैवानियत की सारे हदें की पार
बताया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग को उसके डेरा से पकड़ कर रेलवे लाइन की तरफ ले गए थे. जहाँ उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेहरमी से हत्या कर दी गई. इस केस को अलग रंग देने के लिए आरोपियों ने नाबालिग के पेट के नीचे के हिस्सा को चाकू से काट निकाल लिया था. इसके बाद उसे मिट्टी में दफन कर दिया था. हत्यारों का इरादा था कि लोग इसे वन जीवों की करतूत समझें.
मामले में दबाव के बाद पुलिस ने दर्ज किया केस
इस घटना को अंजाम देने के बाद दरिंदे अपनी साजिश में सफल भी हो गए थे. लेकिन ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद पूर्व विधायक व एसपी नेता विनोद मणि, अमित चौबे कार्यकर्ताओं के साथ मृतका के पिता को लेकर बृजमनगंज थाना पर पहुंचे. जिसके बाद अगले दिन इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
बता दें कि नाबालिग का शव रेहरवा रेलवे अंडर बाइपास के पास से मिला था. वह गोरखपुर जनपद के कैम्पियरगंज थानाक्षेत्र की रहने वाली थी. परिवार में माता-पिता व एक छोटी बहन थी. परिवार भीख मांग कर जीवन यापन करता था लेकिन बेटी को पढ़ा रहा था. इन दिनों यह परिवार बृजमनगंज थानाक्षेत्र में रेहरवा के पास प्लास्टिक की पन्नी तान कर रह रहा था और घटना के दिन माता-पिता भीख मांगने गए थे.
इस मामले को पुलिस अपनी प्रारंभिक जांच में जंगली जानवरों से जोड़ रही थी. घटना क्षेत्र पर एसपी के दौरे के बाद एसओजी प्रभारी अनघ कुमार के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया. जहाँ जांच के दौरान टीम ने घटना स्थल से एक टोपी बरामद की. जिसके आधार पर SOG टीम ने शुल्डू उर्फ मुकेश पुत्र रतन राजभर (19 साल), विजय पुत्र बैजनाथ (20 साल) व जीतेन्द्र उर्फ बबूनी पुत्र अलगू राजभर को गिरफ्तार किया. जिसमे पूछताछ के दौरान तीनों लोगों ने अपना जुर्म कबूल किया. इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201, 376 डी भादवि व 5/6 पोक्सो एक्ट व 3(2)(5) अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है.