नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अर्चना गौतम और उनके पिता के साथ दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर धक्का-मुक्की का मामला सामने आया था। इस घटना के अगले दिन शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निलंबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया। राज्य इकाई की अनुशासन समिति ने एक आदेश में कहा कि अर्चना गौतम को छह साल की अवधि के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि इस साल 31 मई को अनुशासनहीनता के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था और उन्हें एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
यह घटनाक्रम अर्चना और उनके पिता के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने के एक दिन बाद आया है, जब उन्होंने शुक्रवार दोपहर को यहां पार्टी मुख्यालय में प्रवेश करने की कोशिश की थी। अभिनेत्री के मुताबिक, वह पिछले हफ्ते संसद में महिला विधेयक पारित होने पर बधाई देने के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलना चाहती थीं।
लामबंद हुए कांग्रेसी-
चार माह पहले कांग्रेस से निष्कासित अर्चना गौतम और उनके पिता पर पार्टी को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी लामबंद हो गए हैं। शनिवार को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला और शहर अध्यक्ष जाहिद अंसारी ने पार्टी कार्यालय पर मीडिया से वार्ता की और कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में हस्तिनापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रही अर्चना गौतम को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 31 मई 2023 को निष्कासित किया जा चुका है। अर्चना और उनके पिता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र कर पार्टी को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए एसएसपी को ज्ञापन भी दिया।
अश्वनीश काजला ने कहा कि अर्चना गौतम को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से चुनाव लड़ाया था, लेकिन वह चुनाव हार गईं। इसके बाद अर्चना ने मेरठ से दूरी बना ली। जिलाध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में कई किराए की गाड़ी भी दी गईं, जिनका पैसा भी अर्चना ने नहीं दिया। गाड़ियों का किराया मांगने पर अर्चना ने फर्जी मुकदमे में फंसवाने की धमकी दी और कई महिलाओं के साथ अभद्रता की।
उन्होंने बताया कि अनुशासनहीनता के कारण अनुशासन समिति ने अर्चना को पार्टी से निकाल दिया था। समिति सदस्य एवं पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला ने अर्चना गौतम की कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित करने का पत्र भी जारी किया था। तभी से अर्चना और उनके पिता लगातार पार्टी को बदनाम कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। फिर से पार्टी के नेताओं को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है। फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर धन वसूली की जा रही है, जिसके साक्ष्य भी पुलिस को सौंपे गए हैं।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता हरिकिशन आंबेडकर, सलीम खान, धूम सिंह गुर्जर, नसीम कुरैशी, पूर्व पार्षद रंजन शर्मा, डॉ. अशोक आर्य, संजय कटारिया, माया प्रकाश शर्मा, योगी जाटव, अनिल शर्मा, युगांश राणा, सुमित विकल, रविंदर सिंह,अनिल प्रेमी,अंसार,नईम राणा, यासिर सैफी, वसीम अंसारी आदि।
रमन सरकार के कद्दावर मंत्री रहे राजेश मूणत का क्या होगा? क्या कहती है पश्चिम विधानसभा की जनता?