
रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में आज भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का मामल गूंजा। राज्य के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रश्नकाल के दौरान मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि पूरे मामले में सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है इसलिए पूरे मामले की CBI जांच कराई जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बड़ी गड़बड़ी है कई लोग मिले हुए हैं
राजनीतिक दलों के लोग भी मिले हो सकते हैं। इसलिए इसकी CBI से जांच होने चाहिए।
प्रश्न का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में परियोजना में गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए कहा कि परियोजना स्वीकृत होने और अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन के रकबे का टुकड़ा किया गया। अधिकृत भूमि का दोबारा भू अर्जन किया गया और ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। मंत्री ने कहा कि पूरे मामले में डिप्टी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार, पटवारी पर कार्रवाई की गई है। अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
प्रश्न पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि
जिम्मेदार अधिकारियों पर FIR दर्ज कर जेल भेजने की घोषणा की जाए क्योंकि निलंबन ऐसी प्रक्रिया है जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच में कहीं हीला हवाला नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तो CBI को बैन किया था।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर जांच की मांग की। लेकिन सरकार ने मांग को स्वीकार नहीं किया गया जिसके बाद कांग्रेसी विधायकों ने सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए नारेवाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया।