सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गीदम में रक्त जांच में घोर लापरवाही की शिकायत, 13 ग्राम हीमोग्लोबिन वाले मरीज को बता दिया खून की कमी का शिकार, लैब टेक्नीशियन पर कार्यवाही की मांग
दिनेश गुप्ता, गीदम। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गीदम में रक्त जांच में घोर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल मामला यह है कि मड़से निवासी रामलाल सोनी ने उल्टी – दस्त की शिकायत पर अपने 22 वर्षीय पुत्र देवकिशन सोनी को 29 मार्च को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गीदम में भर्ती करवाया था। मरीज की स्थिति को देखते हुये ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर ने रक्त परीक्षण में मलेरिया व हीमोग्लोबिन की जांच करवाने को कहा।
डॉक्टर की सलाह के आधार पर पीड़ित व्यक्ति रामलाल सोनी अपने पुत्र को लेकर प्रयोगशाला कक्ष गये जहां पर लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी ड्यूटी पर उपस्थित थे। उनके द्वारा देव किशन का रक्त परीक्षण किया गया। रक्त परीक्षण के उपरांत लैब टेक्नीशियन द्वारा मलेरिया नही पाये जाने व हीमोग्लोबिन की मात्रा 5.4 ग्राम होना बताया गया। लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी की रक्त जांच की रिपोर्ट के आधार पर ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर देवेंद्र प्रताप के द्वारा खून की कमी बताते हुये मरीज को रक्त चढ़ाने व बेहतर इलाज के लिये जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा रेफर कर दिया गया।
रामलाल सोनी ने बताया कि जब वो अपने बीमार पुत्र देव किशन को लेकर जिला चिकित्सालय पहुचे तो वहां भी ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर ने मरीज का तत्काल हीमोग्लोबिन जांच करने को कहा। जिला चिकित्सालय की रक्त जांच की 30 मार्च की रिपोर्ट में 13.3 ग्राम हीमोग्लोबिन होना पाया गया। रामलाल सोनी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वो अपने पुत्र के इलाज के लिये विशाखापटनम स्थित सेवन हिल्स हॉस्पिटल गये थे वहां भी रक्त परीक्षण में 13.4 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया गया था।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गीदम के लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी पर गंभीर आरोप
रामलाल सोनी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गीदम के लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि उनके द्वारा की गयीं रक्त की जांच और उसकी रिपोर्ट संदेह जनक है। और वो अपने कार्य मे घोर लापरवाही बरत रहे है। एक दिन में ही किसी भी व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 13 ग्राम से 5 ग्राम कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि गलत रिपोर्ट के कारण उनको शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा है।
रामलाल सोनी ने लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी की अपने कर्तव्य के प्रति इस घोर लापरवाही पर आवश्यक कार्यवाही को लेकर जिला चिकित्सा अधिकारी दंतेवाड़ा, व खण्ड चिकित्सा अधिकारी गीदम को पत्र भी लिखा है। अब देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस लापरवाह कर्मचारी पर क्या कार्यवाही करते है। नगर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लगातार अपने गलत कारनामो को लेकर चर्चा में बना रहता हैं चाहे वह मीडिया कर्मी के साथ बदसलूकी की बात हो चाहे वह मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए डॉक्टर द्वारा पैसे की मांग।
उच्च अधिकारियों की शह के कारण किसी भी लापरवाह कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नही होती है। इस मामले में जब खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ सूर्य गुप्ता से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि लैब टेक्नीशियन विपिन तिवारी को नोटिस से दिया गया है। उनके जबाव के बाद आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।