नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को देश की शीर्ष अदालत के दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार की नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सोमवार की सुबह 10.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह के बाद नए जजों को शपथ दिलाई गई।
आज शपथ ग्रहण करने वालों में न्यायमूर्ति राजेश बिंदल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और न्यायमूर्ति रविंद कुमार सर्वोच्च न्यायालय में शपथ लेने से पहले गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। 16 अप्रैल, 1961 को पैदा हुए जस्टिस बिंदल को इस साल अप्रैल में 62 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद हाई कोर्ट से रिटायर होना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में उनकी पदोन्नति के कारण, अब उनके पास सेवा में तीन और वर्ष जोड़ दिए हैं।
बता दें कि हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के सेवानिवृत्त होने की आयु 62 वर्ष है जबकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं। जस्टिस कुमार का जन्म 14 जुलाई 1962 को हुआ था और वह जुलाई 2023 में 61 साल के हो जाएंगे। पिछले हफ्ते, पांच न्यायाधीशों ने अपनी पदोन्नति के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ली। आज दोनों जजों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद, नौ महीने में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या अब पूरी हो चुकी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 34 न्यायाधीशों के साथ अब सुप्रीम कोर्ट अपनी पूरी ताकत हासिल कर चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए कोई पद खाली नहीं है।