रायपुर। सीबीआई ने छत्तीसगढ़ सहित 21 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 59 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Sexual Pornography) से जुड़े पूरे नेटवर्क पर एक साथ प्रहार करने के लिए केंद्रीय एजेंसी की तरफ से शनिवार को ऑपरेशन चलाया गया। सीबीआई ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन मेघदूत’ नाम दिया है
छापेमारी का यह सिलसिला शनिवार सुबह से देर शाम तक चला। इस दौरान सभी स्थानों से 50 से अधिक संदिग्धों के पास से बड़ी संख्या में मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये गये। इन पर सीएसएएम (चाइल्ड सेक्सुअल एव्यूज मैटेरियल) या पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्रियों को एकत्र करने, एक-दूसरे को भेजने या किसी ग्रुप में शेयर करने और डॉउनलोड करने का आरोप है। इस तरह की सामग्रियों को लेकर इंटरपोल से काफी इनपुट मिले थे। इसके तार कई दूसरे देशों से भी जुड़े पाये गये हैं। इसमें कई तरह सेक्स आधारित अपराध के मामले भी शामिल हैं।
चाइल्ड प्रोनोग्राफी मामले में रायपुर से 2 आरोपी गिरफ्तार
वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से चाइल्ड प्रोनोग्राफी मामले में 2 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। शहर के सरस्वती नगर थाना इलाके के कोटा से ये गिरफ्तार हुई है। ये दोनों दिल्ली में रजिस्टर्ड अपराध को लेकर गिरफ्तार किए गए हैं।
देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला कोई नया मामला नहीं है। यह देश में लगातार चिंता का विषय रहा है। भारत में सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड होते चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो और कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है।
इसी हफ्ते 19 सिंतबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप के वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने से रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं, इसके बारे में सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था। साथ ही शीर्ष अदालत ने फेसबुक, ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनियों को 6 हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की इन कंपनियों को ये भी बताने के लिए कहा कि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप की वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर अपलोड होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। इस मामले में सभी कंपनियां विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करेंगी।