बलौदा बाजार। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के दतान में आयोजित मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे पुरखों ने राज्य के विकास के लिए जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को कुदरत ने बड़ी फुरसत से गढ़ा है। इस धरती के नीचे और ऊपर खनिज और वन सम्पदाओं की भरमार है। उन्होंने कहा कि राज्य की एक-एक सम्पदा का उपयोग छत्तीसगढ़िया लोगों की तरक्की और बेहतरी के लिए किया जाएगा। श्री बघेल आज दतान में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 73 वें अधिवेशन में मुख्य अतिथि थे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आदर्श सामूहिक विवाह में दाम्पत्य सूत्र में बंधे नए वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने समाज की ओर से प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, समाजसेवियों, दानदाताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में समाज का नाम रौशन करने वाली विभूतियों का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी 75 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है। इसलिए बजट का बड़ा हिस्सा हमने गांवो और किसानों की उन्नति में लगाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को हमने फिर से पटरी पर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी- नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के समन्वित विकास के लिए हमने काम शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि गांव में अब हर खेत को घेरने की जरूरत नहीं होगी। हम हर एक गांव में दैहान और गौठान बनाएंगे। इसमें गांव के सभी मवेशियों को रखेंगे। उनके लिए चारा-पानी का इंतजाम भी होगा। यही नहीं बल्कि इन्हें चराने वाले लोगों के विकास भी हमें करना है।
उन्नत नस्ल के पशुओं को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे उन्नत नस्ल के पशुओं को बढ़ावा देंगे। जिससे हमे ज्यादा मात्रा में दूध मिलेगा और आमदनी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी करने के लिए वचनब़द्ध है। इसे हम प्रदेश के सभी समाजों की जागरूकता और सहयोग से करना चाहते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
भूपेश बघेल ने कहा कि हमें अब खनिज आधारित नहीं बल्कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसकी शुरूआत हमने बस्तर के कोण्डागांव जिले से कर दी है। हमने वहां 110 करोड़ रूपए का मक्का प्रसंस्करण उद्योग की आधारशीला रख दी है। इसी तरह सभी जिलों में स्थानीय फसलों के अनुरूप खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में बड़े ठेकेदारों की प्रथा बंद होने चाहिए। इसका फायदा हमारे छत्तीसगढ़ के लोगों को नहीं मिल पाता है। उन्होंने सहकारिता की भावना के आधार पर काम करने की जरूरत बताई।