रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। सीएम ने शुभकामना संदेश में बघेल ने कहा है कि हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
बघेल ने कहा कि गांव-गांव में हरेली के पर्व को बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार सुरक्षा के लिए घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं। छत्तीसगढ़ की इस गौरवशाली संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel जी
हा, जम्मो प्रदेशवासी मन ला #हरेली_तिहार के बधई पठोईन।
हरेली के दिन दू बछर पहिली छत्तीसगढ़ शासन हा गोबर ला बिसाये के चालू करे रिहिस,येसो ले गौमूत्र घलो बिसाहीं,जेखर ले खाद अउ दवई बनही।"हरियर बरन भुईयां हरियाही, गौपालक मन मान पाही"#MorHareli pic.twitter.com/id9f7hGANV
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 28, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति और परंपरा हमारा गौरव है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। हरेली के दिन ही दो साल पहले प्रदेश की महत्वाकांक्षी और अनूठी ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ हुआ है। यह खुशी की बात है कि ‘गोधन न्याय योजना’ योजना ने गांवों की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत और नया आधार तैयार किया हैै। योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से पिछले दो सालों में 150 करोड़ रूपये से अधिक की गोबर खरीदी की गई है। इससे स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक जैविक खाद तैयार किया जा चुका है,जिसके चलते प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। इससे पशुधन के संरक्षण, संवर्धन और तरक्की की राह भी खुली है।वर्मी खाद के निर्माण और विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।