मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ‘दास्तान-ए-आजादी’ कार्यक्रम में हुए शामिल, कहा – भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा ही महत्वपूर्ण दिवस
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित ‘दास्तान-ए-आजादी’ कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन दुर्गा देवी शिक्षण समिति, पार्क फाउंडेशन एवं सन्मति वेलफेयर सोसायटी द्वारा संस्कृति विभाग और छत्तीसगढ़ प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के सहयोग से किया गया। ‘दास्तान-ए-आजादी’ कार्यक्रम में हिमांशु वाजपेयी, प्रज्ञा शर्मा, वेदांत भारद्वाज तथा अजय टीपानिया द्वारा भारत की आजादी के इतिहास की रोचक शैली में संगीतमय प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि आज 8 अगस्त है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा ही महत्वपूर्ण दिवस है। 8 अगस्त 1942 को आज ही के दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आन्दोलन का आगाज किया था। यह आन्दोलन पूरे विश्व में अहिंसात्मक आंदोलन का अनूठा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि देश को आजादी दिलाने में महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका सपना केवल आजादी हासिल करने तक सीमित नहीं था, बल्कि वे आजाद भारत के नवनिर्माण का सपना भी देख रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जब अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तब वे भविष्य के भारत की रूपरेखा भी तैयार कर रहे थे। महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले आधुनिक भारत का सपना देखा। आजादी मिलने के बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण की बुुनियाद रखी।
मुख्यमंत्री ने बघेल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू पर केन्द्रित ‘दास्तान-ए-आजादी‘ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में यहां के तमाम बुद्धिजीवी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए हैं। कार्यक्रम में देश की आजादी में महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को बड़ी ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। यह सब कुछ किस्सागोई के माध्यम से दादी नानी से कहानियों के माध्यम से भी सुना करते थे। उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए आज ‘दास्तान-ए-आजादी’ का कार्यक्रम हम लोग सुन रहे थे, यह कार्यक्रम अत्यंत शिक्षाप्रद भी है।