
अमरकंटक। अमरकमंट के अल्प प्रवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने नर्मदा (Mother Narmada) में स्नान कर अमरकंटेश्वर महादेव की पूजा अर्चना की। उन्होंने अमरकंटेश्वर महादेव से छत्तीसगढ के सुख समृध्दि की कामना की। भगवान के ध्यान के बाद सीएम भूपेश बघेल ने संभाली सियासी कमान।
कार्यकाल पूरा करेगी मप्र सरकार : बघेल
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान पर कमान तानते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा कुछ भी नहीं कर पाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार (CM Kamal Nath Government) को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस सरकार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Government,) में अपना कार्यकाल पूरा करेगी। भाजपा कितनी भी कोशिशें कर ले मगर कमलनाथ की सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकती है।
कैसे पहुंचे मुख्यमंत्री अमरकंटक
सीएम भूपेश बघेल गौरेला के गुरुकुल तक हेलीकॉप्टर से गए। उसके बाद वहां से सड़क मार्ग से अमरकंटक पहुंचे। वहां उन्होंने मां नर्मदा में स्नान कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। उसके बाद अमरकंटकेश्वर महादेव के वंदन के बाद नर्मदा उद्गम परिसर में स्थित 11 शिवलिंगों का रुद्राभिषेक किया।
नर्मदा मैय्या के प्रति छत्तीसगढ के लोगों की आस्था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ के लोगों की मां नर्मदा के प्रति गहरी आस्था है। वे अमरकंटक में तकरीबन 4 घंटे तक रहे। इसी दौरान कांग्रेस के पुष्पराजगढ के विधायक फुन्देलाल ने पारंपरिक पगड़ी पहनाया और लकड़ी के महादेव की प्रतिमा प्रदान कर उनका सम्मान किया।
6 कैबिनेट मंत्री समेत 17 विधायक नदारद
सरकार एक बार फिर संकट में आ गयी है। अचानक 6 कैबिनेट मंत्री समेत 17 विधायक गायब हो गये हैं और इनके मोबाइल बंद बताए जा रहे हैं। ये सभी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) गुट के बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार 9 मार्च 2020 को दिल्ली गए हुए थे और इधर नया सियासी ड्रामा रच दिया गया। बताया जा रहा है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी और उमंग सिंघार बेंगलुरु गए हैं। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने चार दिन पहले कहा था कि सिंधियाजी का अनादर किया गया तो सरकार संकट में पड़ जाएगी। ऐसे में देखना ये होगा कि सीएम भूपेश बघेल की घोषणा कितनी कारगर साबित होती है।