
जशपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज जशपुर जशपुर जिले के राजी पड़हा मुख्यालय दीपू बगीचा में आयोजित आदिवासी समाज के सरहुल पूजा (खद्दी परब) कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने विधि विधान से धरती की पूजा कर प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। खद्दी-परब धरती पूजा के अवसर पर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को पारंपरिक गमछा एवं पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। साथ ही उन्हें पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर भी भेंट किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकृति एवं धरती को सरंक्षित रखने के लिए हमने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने हम सतत प्रयत्नशील हैं। उन्होंने समाज के लोगों को अपनी प्रकृति, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा ने कहा कि अनेकता में एकता ही संस्कृति के सबसे बड़ी विशेषता है और इसको हमें आगे बढ़ाना है। छत्तीसगढ़ की परंपरा एवं संस्कृति को बचाने के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है। इसे ध्यान रखते हुए हरेली, तीज, करमा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा, चेट्रीचंड महोत्सव के लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया है, जिससे सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजा जा सके।
मुख्यमंत्री ने सरहुल पूजा (खद्दी-परब) कार्यक्रम के दौरान आदिवासी सांस्कृतिक भवन के लिए 50 लाख रूपये, खद्दी-परब चैत पूर्णिमा के लिए 5 लाख रूपये, महामानव कार्तिक उरांव राजी पड़हा विद्यालय टिकैतगंज के लिए राशि 5 लाख रूपये अनुदान देने की घोषणा की। साथ ही राजी पड़हा के जमीन नामकरण के लिए प्रस्ताव देने प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए।