
रायपुर। गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (KTU) में पदभार ग्रहण करने पहुंचे नए कुलपति (Vice Chancellor) डॉ बलदेव शर्मा बैरंग वापस लौट गए। विश्वविद्यालय के गेट पर छात्रों की आड़ में सियासी खिलवाड़ चल रहा था। यहां शिक्षा ग्रहण करने आए भविष्य के पत्रकार कठपुतली बन गए, और शुरू हुआ कुलपति (Vice Chancellor) का विरोध। इन छात्रों ने गेट बंद कर जमकर नारेबाजी की। इसमें एनएसयूआई के छात्र शामिल बताए जा रहे हैं।
बिना पदभार ग्रहण किए लौटे कुलपति
विद्वान पत्रकार डॉ बलदेव शर्मा उस वक्त भौचक्के रह गए जब उनको अपने ही होने वाले छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। दुनिया का कोई भी गुरु यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि पहले ही दिन उसके शिष्य उसका इस तरह का सियासी सत्कार करें। जिस देश में संत कबीरदास (, Sant Kabir) ने लिखा था कि गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांय। उसी देश के छत्तीसगढ़ जैसे शांत राज्य में इस तरह की सियासत होना तमाम सवाल खड़े करती है। सवाल तो ये भी है कि क्या शिक्षा के मंदिरों को भी सियासत का अड्डा बनाया जा रहा है।
राज्यपाल से करेंगे मुलाकात:
गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (KTU) के सियासी सत्कार (Political welcome) से दु:खी कुलपति डॉ बलदेव शर्मा ने राज्यपाल (Governor) से मिलने का समय मांगा है। कहने वाले तो ये भी कह रहे हैं कि राजभवन और राज्य सरकार (State Government) के सियासी टकराव के शिकार हुए डॉ बलदेव शर्मा। ऐसे में एक बात तो तय है कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के योग्य छ़ात्रों के जेहन में सियासी जहर घोलना राज्य के भविष्य के लिए कितना नुकसानदेह साबित होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।