रायपुर। छत्त्तीसगढ़ विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। यह सत्र 6 जनवरी तक चलेगा। सदन की कार्यवाही होते ही सत्ता और विपक्ष के बीच आरक्षण विधेयक पर फिर तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई। वहीं वन विभाग द्वारा विधानसभा में दिए गए जवाब में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में 43 हाथियों की मौत हो चुकी है। इसमें 13 हाथियों की मौत करंट से हुई है। विधायक धर्मजीत सिंह की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में यह जानकारी दी है।
वन विभाग की जानकारी के मुताबिक 2019-20 में 11, 2020-21 में 18 और 2022-23 में 14 हाथियों की जान गई है। बता दें कि जून 2020 में लगातार हाथियों की मौत के बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला को हटा दिया था। इसके बाद भी हालात नहीं बदले। पीसीसीएफ को हटाने के महज तीन महीने बाद सितंबर 2020 में महासमुंद में अवैध शिकार का मामला सामने आया था। करंट से मौत के मामलों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के खिलाफ अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।