
नई दिल्ली। वित्त मंत्रलय पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने के बारे में विचार कर रहा है, ताकि आम ग्राहकों पर बोझ घटाया जा सके। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक ईधन की बढ़ती कीमतों से आम जनता पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत भी मुद्दा बन सकती है।
सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रलय ने कुछ राज्यों, पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल कंपनियों से बातचीत शुरू की है, ताकि राजस्व पर बड़ा बोझ डाले बगैर ईंधन के दामों में कमी की जा सके। पिछले 10 महीनों में कच्चे तेल का दाम दोगुना हो गया है, जिसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल के भाव पर दिख रहा है। पिछले एक वर्ष में सरकार पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा चुकी है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 60 फीसद हिस्सा टैक्सेज का है। भारत में करीब 36 रुपये लीटर की लागत में आने वाला पेट्रोल दिल्ली में 91 रुपये के आसपास बिक रहा है यानी इसमें करीब 55 रुपये का टैक्स जोड़ा गया है।