वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य की अपनी पॉलिसी, लेकिन उस पर हम नजर रख सकते हैंः हाईकोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 18़ प्लस वैक्सीनेशन को लेकर सरकार ने शपथ पत्र दायर करने के लिए हाईकोर्ट से और समय मांगा है। इसके बाद कोर्ट की ओर से 4 जून तक का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की अपनी-अपनी पॉलिसी है। उस पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन वैक्सीनेशन पर नजर रख सकते हैं। सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पी.पी साहू की डिवीजन बेंच में हुई।
शुक्रवार को हो रही सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा की वैक्सीनेशन एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें कई पहलू हैं। टीकों की सप्लाई और कोल्ड स्टोरेज की समस्या भी शामिल है। इस टीकाकरण अभियान में राज्य सरकार और केंद्र की अपनी-अपनी पॉलिसी है। उस पर हम कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, जिससे टीकाकरण प्रभावित हो जाए। हां हम वैक्सीनेशन सही तरीके से हो रहा है या नहीं, उस पर नजर रख सकते हैं।
दरअसल, कोर्ट ने अंत्योदय में बच रही वैक्सीन को दूसरे वर्ग के लिए शिफ्ट करने को कहा था। तब राज्य सरकार ने बताया था कि वह ऐसा कर रही है, जिसके बाद कोर्ट ने शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इस पर सरकार की ओर से 19 मई को शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया। यह असिस्टेंट प्रोफेसर के नाम से था। टीकों को लेकर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं था और पॉलिसी ड्राफ्ट व एफिडेविट में भी अंतर था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी।