BREAKING : विधानसभा में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण का उठा मुद्दा, जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का जोरदार हंगामा, सदन का किया वॉक आउट
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र का छठवां और अंतिम दिन आज सदन की कार्रवाई प्रश्नकाल से शुरू हुई इस दौरान भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन की जगह नेता प्रतिभा धरमलाल कौशिक ने अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण का मामला सदन में उठाया। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया जिससे विपक्ष असंतुष्ट नजर आया और पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं में जोरदार हंगामा देखने को मिला। वही कार्यवाही 10 मिनट तक के लिए स्थगित हुई।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा- कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा 11 दिसम्बर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव विधि-विधायी, सचिव सामान्य प्रशासन, सचिव वित्त, सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और सचिव आदिम जाति-अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की एक बैठक हो चुकी है।
विभागों और निगम, मंडल और आयोगों से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है। कई विभागों से आ चुके हैं और कई विभागों से आनी बाक़ी है। कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। 28 मई 2019 को महाधिवक्ता को चिट्ठी लिखकर अभिमत माँगा गया है। कोरोना की वजह से भी देरी हुई। अब हालात सामान्य हो रहे हैं। कब तक होगा समय सीमा बताना निश्चित नहीं है। हमारी कोशिश है कि घोषणा पत्र के वादे पूरे कर दिए जाए।
बीजेपी नेता अजय चंद्राकर ने कहा कि आज ही की प्रश्नोत्तरी में एक जवाब में बताया गया है कि 25 लोगों का नियमितिकरण किया गया है। इसके लिए अभिमत कैसे मिल गया?
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कमेटी ने अब तक अनुशंसा नहीं की है? 9 जनवरी 2020 को कमेटी की बैठक हुई थी। ढाई साल बीत गए।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 2020 से 2022 हो गया मगर अब तक अभिमत नहीं आया।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि सदन को गुमराह किया जा रहा है।
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है। अनियमितिकरण हो ही नहीं सकता था। 2006 का निर्णय है। जनघोषणा पत्र से लोगों को गुमराह किया गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि- अभिमत भी आएगा और नियमितिकरण भी होगा।
भारी शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई और विपक्ष ने फिर से इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जवाब मांगा।
जिसमें अनियमित, संविदा ,दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में विपक्ष के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जवाब से असंतुष्ट नजर आए । असंतुष्ट बीजेपी नेताओं ने सदन का वॉकआउट किया।