ब्राह्मण महिला ने HC से मांगा ‘नो कास्ट नो रिलीजन’ का सर्टिफिकेट, जानें क्या है पूरा मामला
गुजरात। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एक ब्राह्मण महिला ने सरकार को उसे ‘नो कास्ट नो रिलीजन’ का सर्टिफिकेट जारी करने के आदेश देने के लिए कहा है। महिला का कहना है कि उसे अपनी जाति के कारण समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
याचिका के अनुसार 36 साल की याचिकाकर्ता काजल गोविंद भाई मंजुला राजगोर ब्राह्मण समाज से आती है, उन्हें अपने समाज में कई बार जाति के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा है। काजल के वकील धर्मेश गुर्जर ने याचिका में लिखा कि याचिकाकर्ता को कास्ट सिस्टम की वजह से समाज में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में वह अपनी पहचान में अपनी जाति को साथ रखना नहीं चाहती हैं। लिहाजा कोर्ट से दरख्वास्त की है कि वह स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे ताकि उन्हें ‘नो कास्ट, नो रिलीजन’ का सर्टिफिकेट जारी किया जा सकें।
बताते चलें कि पिछले साल काजल ने अपने नाम से गोत्र का नाम ‘शीलू’ हटवाया था। परिवार से विवाद के चलते वह गुजरात के जूनागढ़ में अकेले रहती है और आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। फिलहाल मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।