रायपुर। युवाओं को अब अलग से बीएड का कोर्से करने की जरूरत नहीं होगी. कॉलेजों में अब आर्ट्स,कामर्स और साइंस के ग्रेजुएशन के साथ बीएड पाठ्यक्रम भी शामिल किया जायेगा. वही प्रतिभाशाली छात्रों के लिए फैलोशिप भी दिया जायेगा..बता दें कि विश्वविद्यालय समन्वय समिति की दो साल बाद हुई बैठक मे बुधवार को कई बड़े फैसले किए गए। जिसमे सबसे प्रमुख फैसला महाविद्यालयों में सभी संकायों के साथ बीएडी पाठ्यक्रम को भी प्रारंभ करना है। समन्वय समिति ने इसे मंजूरी दे दी है।
समन्यवय समिति में प्रतिभाशाली एवं आर्थिक रूप से कमजोर शोधार्थियों को विभाग द्वारा फैलोशिप दिये जाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है। इस संबंध में वित्त विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थाओं में ई-गर्वनेंस लागू करने के प्रस्ताव पर भी सहमति व्यक्त की गई है। बैठक में बी.ए. बी.एड., बी.एस.सी. बी.एड. एवं बी.कॉम बी.एड. का नया पाठयक्रम प्रारंभ किये जाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी गई।यह चार वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम है।
बैठक में विश्वविद्यालयों में बजट, शिक्षा गुणवत्ता हेतु पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन को प्रोत्साहन, राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों के ई-गवर्नेंस पर विचार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के संबंध में चर्चा के पश्चात सहमति व्यक्त की गई।
समन्वय समिति की बैठक में राज्यपाल ने कुलपतियों को अगले साल से नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी करने का भी निर्देश दिया।