
दिल्ली में 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। दिल्ली सरकार ने ये बड़ा फैसला बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार का कहना है कि ये आदेश सिर्फ कमर्शियल वाहनों पर लागू होगा। हालांकि सब्जियां, फल, अनाज, दूध और अन्य जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
वहीं दिल्ली सरकार के इस फैसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नाराजगी जताई है। कैट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सरकार के फैसले से दिल्ली का व्यापार और ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा। इस मुद्दे पर व्यापारियों का अगला रूख बैठक के बाद तय होगा। बयान में आगे कहा गया कि एक अक्टूबर से 28 फरवरी के पांच महीने का समय दिल्ली में त्योहार और शादियों का बड़ा सीजन होता है, जिसमें व्यापार का हिस्सा बाकी साल के सभी महीनों से ज्यादा होता है और इन्हीं पांच महीनों में यह बैन व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।
वहीं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद जरूरी है लेकिन इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी फैसले से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है और ट्रक डीज़ल से चलते हैं।