नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी केस में सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष-एमडी समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज करते हुए बड़ी कारवाही की है. आपको बता दें, सीबीआई ने 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी जहाज़ निर्माण और जहाज़ की मरम्मत का काम करती है. कंपनी के शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं. एफआईआर में घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है. सीबीआई ने इस कंपनी के कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही यह भी बताया की यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है.
आपको बता दें, इस धोखाधड़ी का आरोप ABG Shipyard Limited पर लगा है. CBI ने इस मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष ऋषि कमलेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर संथान मुथास्वामी और तीन डायरेक्टर अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमन नेवेतिया को आरोपी बनाया है. बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है.
गौरतलब है, एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों पर कथित तौर पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में शनिवार को एफआईआर दर्ज की गई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के निदेशक ऋषि अग्रवाल और संथानम मुथुस्वामी को आरोपी के रूप में नामजद करते हुए केस दर्ज किया है. कंपनी ने अपने निदेशकों के माध्यम से एसबीआई से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, लेकिन चुकाया नहीं. उन्होंने कई और बैंकों से भी कर्ज लिया और कभी भुगतान नहीं किया. उन्होंने शुरू में एसबीआई से कर्ज लिया और उनका विश्वास जीत लिया। बाद में वे बैंकों के एक संघ से ऋण लेने में सक्षम हुए.
एसबीआई की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं.
बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था. बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई. डेढ़ साल से अधिक समय तक “जांच” करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की.