बस्तर के बेटे ने पारंपरिक व्यंजनों को देश में दिलाई पहचान, देश-विदेश से दिल्ली हाट पहुंचे लोगों ने बस्तर के व्यंजनों का लिया स्वाद..

बीजापुर- बस्तर का बेटा राजेश यालम राष्ट्रीय लेवल पर बस्तर की जनजातीय पारंपरिक व्यंजन को दिल्ली जैसे शहर में बस्तर का व्यंजनों का पहचान दिला रहे है और देश-विदेश के लोगों को बस्तर की व्यंजनों को टेस्ट करवा रहे हैं. साथ ही बस्तर की फेमस चापड़ा की चटनी,लांदा माडिया पेज जोंद्रा पेज महुआ की बनी लड्डू, टिकुर स्वीट,भेंडा जोर 13 प्रकार की सुक्सी बस्तर की चाहुर बाजा महुआ की पुल्ली शराब दार बोबो बाजिया और महुआ की चाय जैसे 27 डिश का लोगों को टेस्ट करवा रहे है.
राजेश की बात की जाए तो वे एक आदिवासी युवा है. वे नक्सल पीड़ित परिवार से है और बस्तर के गोर नक्सल प्रभावित इलाके मुर्किनार बीजापुर जिले से हैं. इनकी पढ़ाई की बात की जय तो अभी भी पढ़ाई जारी है एम एस सी कर रहे हैं और इनकी एक आमचो बस्तर ढाबा है और ढाबा के संचालक भी है. जो जगदलपुर और गीदम रोड के बीच में है जो बस्तर की व्यंजनों का सर्व करते हैं साथ ही 30 लोगों को रोजगार से जोड़ा है आप कभी सोचे भी नहीं होंगे की बस्तर की फूड से इनकॉम अर्जित होती हैं.
इसकी मार्केट में इतनी डिमांड भी है और बड़े बड़े शहर के लोग इसकी डिमांड करते हैं और उनकी बस्तर आने की प्रियता इसके प्रति बढ़ जाती है अभी हाल ही में दिल्ली हाट में इनकी स्टॉल लगी हुई है. जो देश भर के लोगो के साथ मिलकर बस्तर की व्यंजनों का प्रदर्शनी कर रहे हैं और दिल्ली के लोगों को टेस्ट करवा रहे हैं।