पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस मामले में न्याय लेकर एक नया मोड़ आया है । इस घटना के बाद ममता सरकार एंटी रेप बिल लेकर आयी है। जो की अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में रेप विरोधी बिल पास हो गया है
जी हाँ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन यानि की आज 3 सितंबर को ममता सरकार में कानून मंत्री मोलॉय घटक ने एंटी रेप बिल पेश किया। इस बिल को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 नाम दिया है।
बिल में दोषी को 10 दिन में मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है।
बिल पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, हम चाहते हैं कि यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो. इसे लागू करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हमें परिणाम चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है. हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री के बयान को आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको गारंटी देनी होगी कि यह बिल तुरंत लागू किया जाएगा.”
जानिये एंटी रेप बिल के अंदर क्या है प्रावधान
इस बिल के भीतर रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान.
चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान.
21 दिन में जांच पूरी करनी होगी.
अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान.
हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान.
रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन.
रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान.
पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान.
विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल.
सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान.
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