
बालोद। प्रदेश में कांग्रेस शासन होने के बावजूद पार्टी की आपसी गुटबाजी आमजनों को साफ दिखाई दे रही है। आपसी गुटबाजी की सीमा बालोद जिले में पार ही हो गयी है। दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान जिले के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराज होकर जनप्रतिनिधि आमजनों के बीच बैठ गए।
बता दें कि बालोद जिला मुख्यालय के स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आमापारा, बालोद के आडोटोरियम में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत जिले के किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम किस्त की राशि का आंतरण कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित ही नहीं किया गया था। वही जिला प्रशासन द्वारा छपवाए गए आमंत्रण कार्ड में भी जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम ही गायब था। यही सब वजह थी जिसके कारण जनप्रतिनिधि नाराज हुए।
उक्त कार्यक्रम में आमंत्रित ना करने से नाराज होकर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा,जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कृष्णा दुबे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश नुरेटी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने आमजनों के बीच बैठकर कार्यक्रम में अपनी उपस्थित दी। इस दौरान जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी और खुद मुख्य अतिथि ने बार-बार उन्हें मंच में बैठने का आग्रह किया। बावजूद इसके जनप्रतिनिधि नहीं माने और आम जनता के बीच बैठकर ही पुरा कार्यक्रम देखा।
बता दें इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद और विधायक संगीता सिंन्हा मौजूद थीं। आपको बता दें के कई बार ऐसा हुआ है कि जिला प्रशासन से जनप्रतिनिधि नाराज हुए है। कई बार मंच में स्थान माहि मिलने तो कभी आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम के दौरान ही अधिकारियों के सामने ही नराजगी व्यक्त की है।
कल जिले में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है और इसके एक दिन पूर्व ही बड़े कार्यक्रम से जनप्रतिनिधियों का किनारा करना जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस विषय को लेकर जब नाराज जनप्रतिनिधियों से मीडियाकर्मियों ने बात करना चाही तो वे कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए।