
नई दिल्ली। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण आज लग रहा है आज बुद्ध पूर्णिमा भी है। बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों परिघ योग में पड़े हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा। ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग 80 साल बाद बनने जा रहा है। 8 दशक बाद बन रहे इस दुर्लभ संयोग का असर सभी जातकों पर पड़ेगा।
ये चंद्र ग्रहण सुबह 7:02 से शुरू हो चुका है जो दोपहर 12:20 पर खत्म होगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे से ज्यादा रहेगी। ये एक पूर्ण चंद्र ग्रहण है जो भारत में दिखाई नहीं देगा। यहां दिखाई ना देने की वजह से भारत में इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। यानी पूजा-पाठ या किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी। ये चंद्र ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।
भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। लेकिन अगर इस खगोलीय घटना को आप देखना चाहते हैं तो 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के ऑफिशियल चैनल पर जाकर इसे देख सकते हैं। या फिर सीधे नासा की वेबसाइट (nasa।gov/nasalive) पर जाकर भी इसे देखा जा सकता है।
कब लगता है चंद्र ग्रहण
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है। इस स्थिति में आंशिक या पूर्ण चंद्र ग्रहण लग जाता है। यानी जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते हैं तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बन जाती है। चंद्र ग्रहण तीन तरह से लगता है। पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण यानी जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी पूर्ण रूप से आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है। दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी पूर्ण रूप से ना आकर उसकी छाया चंद्रमा के कुछ हिस्सों पर पड़ती है। वहीं तीसरा उपछाया चंद्र ग्रहण होता है, इस स्थिति में सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में ना होकर पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है।