बिलासपुर। बिलासपुर में तीन माह पहले हुए व्यापारी की हत्या के मामले को अब पुलिस ने सुलझा दिया है। उसकी हत्या उसके बेटे और भाई ने की थी। दोनों ने घर में काम करने वाले बढ़ई के साथ मिलकर पहले व्यापारी के मुंह में शराब की बोतल ठूंस दी, ताकि वह शोर न हो। इसके बाद धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी थी। व्यापारी ने जमीन बेच कर डेढ़ करोड़ रुपए रखे थे, जिसके लालच में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस की कार्यवाही के दौरान पुलिस को लगातार गुमराह करते रहे, अब तीन माह बाद इस मामले की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा दिया है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र का है, 31 जनवरी की सुबह परसदा में किराना व्यापारी भगतराम कौशिक (55 साल) की खून से लथपथ लाश उसकी दुकान में मिली थी। हत्या के इस मामले में पुलिस जांच कर रही थी। शुरुआती जांच में पता चला कि व्यापारी भगतराम ने अपनी पैतृक जमीन बेची थी। इससे उसे करीब डेढ़ करोड़ रुपए मिले थे। जांच के बाद उनका पारिवारिक विवाद भी सामने आया। पहले पुलिस को शक था कि किसी बाहरी लोगों ने इसकी हत्या की है लेकिन, पूरी जांच के बाद शक परिवार वालों पे हुआ, लेकिन पुलिस को कोई सबूत नहीं मिल पा रहा था जिससे वे मामले को अंजाम देते।
ऐसे मिले सबूत
जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल से CCTV फुटेज मिला था, जिसमें संदेहियों का चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा था, लेकिन उसमें संदेहियों के चलने के तरीके दिख रहे थे। जांच के दौरान पुलिस ने संदेहियों के चलने के तरीके को देखा। इसके साथ ही मोबाइल लोकेशन और फूट प्रिंट की भी जांच की। लगातार जांच के बाद संदेहियों को चिन्हित किया गया और फूट प्रिंट और उनके चलने के तरीके को बारीकी से परखा गया। तब भगतराम के बड़े बेटे विशाल (28 साल) और भाई संतोष (45 साल) को प्रमुख संदेही मानकर पूछताछ की गई, उनका फूट प्रिंट मिलने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की।
आखरी में दोनों ने अपराध कबूल किया और बताया कि मृतक भगतराम संयुक्त परिवार चलाता था। पूरे घर का खर्च और हिसाब खुद रखता था। जमीन बेचने के बाद डेढ़ करोड़ रुपए को खुद रखा था। साथ ही पूरे पैसों को घर बनाने में ही खर्च कर रहा था। इस दौरान विशाल और संतोष ने जांजगीर-चांपा के बलौदा के डोंगरी से आकर बढ़ई का काम करने वाले संग्राम यादव (36 साल) के साथ मिलकर भगतराम की हत्या करने की योजना बनाई। हत्या के बाद मकान बनाने का काम बंद हुआ, तब बढ़ई अपने गांव चला गया। इधर, विशाल और संतोष जांच के दौरान पुलिस को गुमराह करते रहे। पर अब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे करते रहे गुमराह
चकरभाटा थाना प्रभारी मनोज नायक के अनुसार व्यवसाई भगतराम के विशाल ने पूछताछ के दौरान उन्हें गुमराह किया। उसने बताया कि उनकी बुआ से पिता का विवाद चल रहा था। साथ ही दोनों ने पड़ोसियों से विवाद होने की जानकारी दी थी। इसके चलते पुलिस हत्या के इस मामले की जांच में उलझ गई थी। पुलिस को हत्यारों के खिलाफ ठोस सबूत भी नहीं मिल रहे थे। यही वजह है कि आरोपियों तक पहुंचने में तीन माह लग गया। लेकिन अब आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।