पत्रकार को फंसाने और परिजनों को धमकाने के आरोप को लेकर पत्नी ने कलेक्टर से की शिकायत
सरगुजा। भू-माफियाओं एवं अपराधियों के द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से पत्रकार जितेंद्र जयसवाल को फंसाने एवं परिजनों और सहयोगियों को विभिन्न माध्यमों से धमकाने तथा परेशान करने के संबंध में पत्रकार जितेंद्र जयसवाल की पत्नी ने सरगुजा कलेक्टर लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
पत्रकार जितेंद्र जयसवाल की पत्नी द्वारा सरगुजा कलेक्टर को दिये लिखित शिकायत में उल्लेख किया है कि मेरा नाम प्रिया जायसवाल पति जितेन्द्र जायसवाल है, मैं एक घरेलू महिला हूँ मेरे पति श्री जितेन्द्र जायसवाल ‘भारत सम्मान’ नाम से खुद की अखबार चलाते हैं जिसका RNI संख्या CHHHIN/2011/38292 है।
हमारे निवास स्थान ग्राम डिगमा में एक आदिवासी व्यक्ति ‘माखन’ आत्मज लाली की ज़हर सेवन से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी, उक्त घटना की रिपोर्टिंग को मेरे पति द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था तदुपरांत आपके द्वारा जांच समिति गठित कर जमीन फर्जीवाड़े में बड़े भू-माफियाओं पर कार्यवाही की गई थी, उक्त प्रशासनिक कार्यवाही में 9 भू-माफियाओं को जेल हुआ था. बाद में अजजा आयोग के अध्यक्ष ने भी कैम्प लगाकर उक्त मामलें में सुनवाई की थी।उक्त घटना के बाद मृतक माखन के निवास के ठीक बगल में रामबिलास नामक युवक की भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु का मामला ‘भारत सम्मान’ के माध्यम से प्रकाश में आया था. उक्त मामले में भी जमीन फर्जीवाड़े से रजिस्ट्री कराकर धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ था जिसमें जिला सरगुजा अम्बिकापुर के मुख्य न्यायिक माननीय मजिस्ट्रेट दीपक कुमार कोसले जी द्वारा दिनांक 28-03-2020 को मामले में शुभजीत मंडल आत्मज संतोष मंडल एवं एक महिला थाना प्रभारी शांति हेलेना तिग्गा पति फबियानुस तिग्गा सहित अन्य अनावेदकगणों के विरुद्ध CRPC 156(3) में संज्ञेय मामलों में अपराध पंजीबद्ध करने हेतु गांधीनगर थाना प्रभारी को आदेश किया गया था जिसपर लगभग 2 वर्ष बीत जाने पर भी पुलिस ने माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए एफआईआर नहीं किया था. जब ‘भारत सम्मान’ में उक्त खबर को मेरे पति द्वारा प्रमुखता से उठाया गया तब दिनांक 9 मार्च 2022 को गांधीनगर थाने में मामला पंजीबद्ध हुआ था। इसी तारतम्य में बरियों स्थित विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू एवं उसके भाई के क्रशर में आदिवासी व्यक्ति शिवनारायण की जमीन विवाद के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में क्रशर में टुकड़ों में लाश मिली थी जिसपर मेरे पति द्वारा लगातार रिपोर्टिंग करने पर हाल ही में दिनांक 23 मार्च 2022 को अजजा आयोग ने घटनास्थल पर प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचकर मामले को संज्ञान में लिया था।
उन्होंने ने बताया है कि मेरे पति द्वारा पुलिस विभाग के अनियमितताओं को भी प्रमुखता से उजागर किया जाता है अतः पुलिस विभाग उनसे दुर्भावना रखती है. मेरे पति द्वारा 2019 से ‘पंकज बेक’ नामक आदिवासी युवक की पुलिस अभिरक्षा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को प्रमुखता से उठाया जा रहा था तथा इस मामलें में भी अजजा आयोग ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की थी।
उन्होंने ने कहा है कि मेरे पति के द्वारा आदिवासियों के जमीन हड़पने एवं भू-स्वामी आदिवासियों द्वारा शिकायत करते ही उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर भू-माफियाओं एवं पुलिस की संलिप्तता पर कई दफा रिपोर्टिंग करके गंभीर प्रश्न उठाये गए थे एवं ज्यादातर मामलों में एफआईआर पश्चात जमीन की रजिस्ट्री रद्द भी हो चुकी है एवं लगभग सभी मामलों को अजजा आयोग ने संज्ञान में लिया है अतः अब सभी मामलों से जुड़े अपराधियों एवं संलिप्त पुलिसकर्मियों की सांठगांठ से गरीबों-मजलूमों की लड़ाई लड़ने की सजा मेरे पति, मुझे तथा उनके परिवार एंव सहयोगियों को दी जा रही है।
तीन दिवस में मेरे पति पर 5-6 फर्जी एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज करके बगैर किसी जांच एवं प्रमाण के उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, सभी मामलों में शिकायकर्तागण वे लोग ही हैं जिनके विरुद्ध भारत सम्मान ने समाचार प्रकाशित किया था. अब दुर्भावनापूर्ण तरीके से कानून एवं पद का दुरुपयोग करते हुए पुलिस ने मुझे एवं मेरे परिवार को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है साथ ही अपराधियों द्वारा मेरे साथ मेरे परिजनों एवं मेरे सहयोगियों को डराना-धमकाना एवं सोशल मीडिया में बदनाम करना शुरू कर दिया गया है जिससे मुझे न्याय पाने में बहुत परेशानी हो रही है. उनका प्रयास है कि भविष्य में कोई भी किसी गरीब की लड़ाई ना लड़े. अपराधियों द्वारा अब सभी मामलों में पीड़ित के परिजनों को भी डराया धमकाया जा रहा है वे डर से मामलों की शिकायत नहीं कर पा रहे हैं।
कुन्नी रेप अटेम्प मामला हो, पंकज बेक या रामबिलास तीनो मामलों में चूंकि पुलिस विभाग द्वारा अपने ही विभाग के आपराधिक प्रवृत्ति के पुलिसकर्मियों के द्वारा किए गए अपराधों पर एफआईआर करने पर विवश होना पड़ रहा है अतः वे मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल एवं अखबार को बदनाम करके खुद को बचाने एवं प्रेस की आवाज को दबाना चाहते हैं जिससे खुले आम गुंडागर्दी एवं गरीबों मजलूमों की जमीन लूटी जा सके. जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि आदतन अपराधियों द्वारा थाना प्रभारी को गुलदस्ता भेंट किया जा रहा है और पत्रकार जेल जा रहे हैं! महोदय मेरे पति द्वारा पुलिस परिवार आन्दोलन में सहयोग किया गया था ईमानदार पुलिस वालों का उन्हें पूरा सहयोग प्राप्त होता है परंतु अभी परिस्थितियां ऐसी बनी हुई हैं कि अपराध में संलिप्त चंद पुलिस अधिकारी एवं समस्त भू-माफिया एवं दुर्दांत अपराधी एकजुट हो गए हैं जिससे मेरे लिए परिस्थिति बहुत गंभीर निर्मित हो गयी है।
महोदय मुझे कुछ लोगों ने बताया है कि उक्त अपराधियों एवं भू-माफियाओं को यहां के किसी एक कद्दावर मंत्री का संरक्षण प्राप्त है अतः उनका मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि पंकज बेक कस्टोडियल डेथ के आरोपी पुलिसकर्मियों, भू-माफियाओं, एवं उनके सहयोगियों द्वारा यह सब षड्यंत्रपूर्वक एकजुट होकर किया जा रहा जिससे भविष्य में कोई भी गरीबों, आदिवासियों एवं मजलूमों के लिए पत्रकारिता ना करे, उनकी लड़ाई ना लड़े!
महोदय मुझे आपसे न्याय की उम्मीद है मुझे सुरक्षा प्रदान करते हुए मामले में एक निष्पक्ष जांच कमेटी गठित कर जिले में न्याय-व्यवस्था की समीक्षा करें जिससे मुझे न्याय पाने में सहयोग मिल सके।