झारखंड। देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोपवे पर हुए हादसे में अब भी 14 लोग फंसे हुए हैं। सोमवार शाम छह बजे अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। अब मंगलवार सुबह दोबारा इसे शुरू किया जाएगा। सेना, वायुसेना और NDRF ने सोमवार को MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था।
यहां शाम तक 33 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन अब भी 14 लोग फंसे हैं। सभी फंसे पर्यटकों के खाने के लिए कुछ पैकेट, पानी और राहत सामग्री ड्रोन से भेजी जा रही है। रात भर प्रशासन की एक टीम उनकी सहायता के लिए रहेगी। वहीं, रेस्क्यू के वक्त शाम साढ़े पांच बजे 48 वर्षीय पर्यटक का हेलिकॉप्टर में चढ़ने के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट गया। इससे वह करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। वह केबिन नंबर-19 में सवार था। हादसे में अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है।
बता दें, रविवार शाम 4 बजे हादसा तब हुआ, जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना कीं। इससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई थी। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं।
मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘देवघर की स्थिति पर हमारी नजर बनी हुई है। सभी विशेषज्ञों को भेजा गया है। ऐसी परिस्थितियों को संभालने में सक्षम स्पेशल कमांडो के अलावा वायु सेना, सेना और NDRF की टीम लगी हुई हैं। हादसा होने के के बाद कल रात हो जाने के कारण ऑपरेशन शुरू नहीं किया जा सका। सुबह होते ही कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस रोप-वे को बनाने वाले विशेषज्ञ भी मौके पर पहुंच गए हैं।’