रायपुर- छत्तीसगढ़ में धान खरीदी होने के बाद भी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य सरकार ने 7 फरवरी तक अनुमानित लक्ष 105 लाख टन धान खरीदी की आगाज में 97 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी की है. जो कि लक्ष्य से करीब 7 लाख टन शेष रह गई है. वहीं, अब इस मामले को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है.जिसको लेकर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाये है..
पूर्व मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, हमने पहले कहा था कि धान खरीदी का समय कम से कम 15 दिन बढ़ाया जाना चाहिए. लेकिन आज 7 लाख टन धान खरीदी शेष बच गई है. आज भी लगभग 2 से 3 लाख किसानों का धान खरीदना शेष बचा है. इसका मतलब कि यह सरकार किसानों का शोषण कर रही है.
उन्होने आगे कहा कि, सरकार ने कहा था कि हम 105 लाख टन धान खरीदेंगे, इन्होंने 97 लाख धान खरीदा है. तो बाकी का 7 लाख टन धान कहां गया?? क्या कांग्रेसियों ने धान औने-पौने दाम पर खरीद लिया या किसानों का धान खरीदने के लिए सरकार तैयार नहीं..यह माफियाओं की सरकार है. छत्तीसगढ़ में धान माफिया तैयार हो गया है. किसानों की धान खरीदी इसलिए नहीं हुई क्योंकि अब बचे हुए धान को उसे बैक डेट में जमा कराया जाएगा.जिसके बाद आंकड़ों के आधार पर सरकार कहेगी की हमारा आंकड़ा पूरा हो गया..