अम्बिकापुर/कुसमी/ जिले में धान उपार्जन केंद्रो से ट्रांसपोटर द्वारा धान परिवहन में बरती गई सुस्ती अब प्रशासन की चिंता का कारण बन गया है। धान उपार्जन केन्द्रों पर असुरक्षित भंडारण में से ट्रांसपोर्ट द्वारा अपेक्षाकृत कम फीसदी ही धान का परिवहन किया जा सका है। रविवार को छाए बादलों से धान के नुकसान को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीर खींच रखी है। लिहाज बलरामपुर यातायात पुलिस द्वारा बाक्साइड परिवहन में लगे ट्रकों को ज़बरन अधिग्रहण किया जा रहा है। अधिग्रहीत ट्रंकों चालकों ने यातायात पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। वही ट्रक मालिकों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
राज्य सरकार किसानों को उनके धान का उचित मूल्य देने और सुविधाएं पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत धान खरीदी के साथ परिवहन व्यवस्था को भी पारदर्शी बनाया गया है। परंतु धान परिवहन ट्रांसपोटर की सुस्त रवैए के कारण जिले में उपार्जन केंद्रो से अपेक्षाकृत कम ही धान का परिवहन हो पाया है। रविवार को बलरामपुर यातायात पुलिस द्वारा बाक्साइट परिवहन में लगे ट्रकों को धान परिवहन के लिए ज़बरन रोक लिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार के मंशा अनुसार धान चोरी रोकने और अन्य गड़बड़ियों से बचाने के लिए सारी क़वायद पूरी नहीं हो पाएगी। खरीदी केन्द्रों से धान की लोडिंग होने के बाद ट्रकों के वहां से निकलने और संग्रहण केन्द्र और राइस मिल पहुंचने के समय की ट्रेकिंग की जानकारी भी विभाग को नही मिल पाएगी। वही पकड़े गए ट्रक चालकों ने यातायात पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया हैं।फिलहाल रविवार को आसमान में काले बादलों को देखकर अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं।
जीपीएस लगे ट्रकों से ही होना है धान ट्रांसपोटिंग
राइस मिलर्स और ट्रांसपोर्टर को धान परिवहन के लिए जीपीएस लगे वाहनो का ही उपयोग किया जाना है। जिन वाहनों में जीपीएस नहीं होगा, उनसे धान का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। परंतु नियम विरुद्ध प्रशासनिक अमला द्वारा बिना जीपीएस लगे वाहनो से ही परिवहन किया जा रहा है। ऐसे में धान चोरी, गड़बड़ी और कालाबाजारी रोकने की क़वायद पूरी नही हो पाएगी।
रामकृष्ण साहू, एसपी बलरामपुर
“तहसीलदार व यातायात पुलिस द्वारा ट्रकों को चेक करने के लिए रोका गया था। धान परिवहन के लिए ट्रकों को नही पकड़ा लगाया है। वही ट्रक चालकों को अगर मारपीट किया गया है, वे पुलिस के पास आकर शिकायत करे। कार्यवाही की जाएगी। ग़ैर क़ानूनी अधिकार किसी को नही है।”