भारत कि पहली महिला पूर्व प्रधानमंत्री और ‘आयरन लेडी’ के पहचानी जाने वाली इंदिरा गांधी की आज 37वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली स्थित शक्ति स्थल पहुंचकर अपनी दादी को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री गांधी की साल 1984 में इसी दिन सिख सिक्युरिटी गार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
वही आज इंदिरा गाँधी के पूण्रायतिथि के मौके में राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘मेरी दादी अंतिम घड़ी तक निडरता से देश सेवा में लगी रहीं- उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है. नारी शक्ति की बेहतरीन उदाहरण श्रीमती इंदिरा गांधी जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि….
मेरी दादी अंतिम घड़ी तक निडरता से देश सेवा में लगी रहीं- उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
नारी शक्ति की बेहतरीन उदाहरण श्रीमती इंदिरा गांधी जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/IoElhOswji
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 31, 2021
हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री को कौन नही जानता..इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं। इन्दिरा को उनका “गांधी” उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था, इंदिरा गाँधी का मोहनदास करमचंद गाँधी (बापू) से न तो खून का और न ही शादी के द्वारा कोई रिश्ता था।
इनके पिता जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे और आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे। पिता जवाहर लाल नेहरू आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों में शामिल थे। वही दौर रहा, जब 1919 में उनका परिवार बापू के सानिध्य में आया और इंदिरा ने पिता नेहरू से राजनीति सीखी।
इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को राजनीति विरासत में मिली थी और ऐसे में सियासी उतार-चढ़ाव को वह बखूबी समझती थीं। यही वजह रही कि उनके सामने न सिर्फ देश, बल्कि विदेश के नेता भी उन्नीस नजर आने लगते थे।
अत: पिता के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में इंदिरा गांधी का ग्राफ अचानक काफी ऊपर पहुंचा और लोग उनमें पार्टी एवं देश का नेता देखने लगे। वह सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश के सबसे शक्तिशाली पद ‘प्रधानमंत्री’ पर आसीन हुई ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की भी जयंती आज…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि और देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।
सरदार पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक लेवा पटेल(पाटीदार) जाति में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। वल्लभभाई झावेरभाई पटेल, सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है “प्रमुख”। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।