
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने काेराेना से बच्चाें के इलाज काे लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि काेराेना संक्रमित वयस्काें के इलाज के लिए तय की गई अधिकांश दवाएं बच्चाें के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं हैं। कोरोना के वयस्क रोगियों के उपचार में काम आने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, फैविपिरावीर जैसी दवाएं और डाक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक औषधियां बच्चों के इलाज में अनुशंसित नहीं हैं। वजह- काेरोना पीड़ित बच्चों पर इनका परीक्षण नहीं किया गया है। महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं काे देखते हुए ये दिशा-निर्देश बच्चों के लिए कोरोना देखरेख केंद्रों के संचालन के लिए तैयार किए हैं।
ये दिए सुझाव
– तीसरी लहर से निपटने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को संयुक्त प्रयास की जरूरत।
– बच्चों की देखरेख के लिए अतिरिक्त बिस्तरों का अनुमान लगाएं, दूसरी लहर के चरम काे मानक रखें।
– अनुमान से तय करें कि संक्रमिताें मंे से कितनों को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ेगी।
– बच्चों के उपचार से जुड़े अतिरिक्त विशिष्ट उपकरणों और संबंधित बुनियादी ढांचे की जरूरत। – पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित डाॅक्टर और नर्सें भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
– स्वास्थ्य अधिकारियों को क्षमता बढ़ाने के कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
– बच्चों के अस्पताल कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए अलग बिस्तरों की व्यवस्था करें।
– कोरोना अस्पतालों में बच्चों की देखभाल के लिए अलग क्षेत्र बनाया जाए, जहां बच्चों के साथ माता-पिता को जाने की अनुमति हो।