
काठमांडू। नेपाल में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल की संसद को भंग कर दिया है। नेपाल में अब फिर से संसद के निचले सदन प्रतिनिध सभा के लिए चुनाव होंगे। इस मध्यावधि चुनाव के लिए नई तारीखों की घोषणा भी कर दी गई है। नेपाल में दो चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का चुनाव 12 और दूसरे चरण का चुनाव 19 नवंबर को होगा। राष्ट्रपति ऑफिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली दोनों के दावों को खारिज कर दिया है।
नेपाल में संसद भंग करने का ये फैसल संविधान की अनुछेद 76 (7) के तहत लिया गया है। दरअसल, गुरुवार को नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम में काफी उठापटक देखने को मिली। नेपाल के विपक्षी दलों और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दोनों ने ही अपना बहुमत साबित करने की इच्छा राष्ट्रपति से जाहिर की। हालांकि, ओली को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए 30 दिन के अंदर बहुमत साबित करना था।
गौरतलब है कि विश्वास मत हासिल करने पर अनिच्छा जताने वाले ओली विपक्षी दलों के राष्ट्रपति के पास पहुंचते ही फिर दावा करने पहुंच गए। नेपाल के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को 149 सांसदों का समर्थन पत्र सौंपते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया है। विपक्षी दल नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में सरकार बनाने लिए तैयार हैं।