
पटना। बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच महागठबंधन की जमकर मोर्चेबंदी के बावजूद एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिए गए। जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर दिया। इससे तेजस्वी का खेल बिगड़ गया और राज्य में पहली बार स्पीकर की कुर्सी भाजपा को मिल गई। राज्य में 51 साल यानी 1969 के बाद स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ। चुनाव से पहले जमकर उठापटक भी हुई।
पटना से करीब 350 किलोमीटर दूर रांची में चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने भी भाजपा विधायकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की, लेकिन उनका चारा काम न आया। नए स्पीकर सिन्हा (53) लखीसराय से लगातार तीसरी बार भाजपा विधायक हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं।
भाजपा एक दिन पहले ही विधायकों को हाजिर रहने का व्हिप जारी कर चुकी थी, जबकि जदयू ने व्हिप जारी नहीं करने का फैसला किया था। उसने इसकी घोषणा भी की थी, लेकिन आखिरी वक्त पर उसने सेफ साइड में व्हिप जारी कर दिया। अगर जदयू के विधायक नहीं आते और भाजपा का उम्मीदवार हार जाता, तो यह कहा जाता कि नीतीश ने लोजपा-भाजपा के रिश्तों के विरोध में ऐसा किया। माना जा रहा है कि ऐसे आरोपों से बचने के लिए ही जदयू ने व्हिप जारी करने का फैसला किया।