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मप्र में विधायकों का फ्लोर टेस्ट से पहले कोरोना टेस्ट

मैरियट होटल विधायकों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

भोपाल। मप्र सरकार में सियासत की सांसत थमने का नाम नहीं ले रही है। 5 दिन जयपुर में रहने के बाद लौटे 85 विधायकों को होटल मैरियट में ठहराया गया है। ये विधायक बुलाए तो गए थे फ्लोर टेस्ट (floor test) के लिए मगर मप्र की  कमलनाथ सरकार उनका कोरोना टेस्ट (Corona test)  करवाने लगी। डॉक्टर्स की टीम होटल मैरियट में सभी विधायकों का सैंपल ले रही है।

किसी भी चीज से ज्यादा सेहत जरूरी

इससे पहले मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर स्पीकर एनपी प्रजापति ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फ्लोर टेस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये काल्पनिक बात है। जब उनसे इस बारे में मीडिया ने लगातार सवाल किए तो उन्होंने कहा- ‘आपको कल ही इस बारे में पता चलेगा। फैसला लेने से पहले मैं आप लोगों को नहीं बताऊंगा।’ हालांकि, कोरोनावायरस के बारे में उन्होंने कहा कि किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है सेहत। सभी को इसकी चिंता है। कल विधानसभा (assembly) में भी हम इसके इंतजाम दिखेंगे। सेहत से ज्यादा जरूरी कोई दूसरी चीज नहीं है।

स्पीकर ने कहा मुझसे संपर्क करें विधायक

प्रजापति ने कहा- मैं लोकतंत्र का संरक्षक हूं। ये आप तय कीजिए कि क्या चल रहा है। और जो लोग लोकतंत्र के संरक्षक हैं, उन्हें भी चिंता करनी चाहिए। कहा- ”मैं विधायकों को लेकर चिंतित हूं। विभिन्न माध्यमों से उनके बारे में जानकारी मिल रही है। लेकिन वे मुझसे सीधे संपर्क नहीं कर रहे।” शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। 16 पर फैसला बाकी है। अगर इनके इस्तीफे भी मंजूर होते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 99 विधायक रह जाएंगे। विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी। बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जरूरी होगा।

आज तो कोरोना टेस्ट चल रहा फ्लोर टेस्ट कल

इस बीच, कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा,“ हमारे पास बहुमत है। कल फ्लोर टेस्ट हो ये जरूरी नहीं। अभी तो कोरोना चल रहा है।” वहीं, एक अन्य मंत्री उमंग सिंघार ने कहा- बजट सत्र नहीं टाला जाएगा।

राज्यपाल से मिले नेता प्रतिपक्ष भार्गव

दूसरी तरफ, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने रविवार दोपहर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। बाद में भार्गव ने मीडिया से कहा- विधानसभा में मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब है। इसलिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाए। हम चाहते हैं कि हाथ उठाकर बहुमत परीक्षण कराया जाए। भाजपा (BJP,) अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए व्हिप जारी कर चुकी है। ऐसे में सोमवार को ये देखना होगा कि मध्यप्रदेश में सरकार का ऊंट किस करवट बैठता है।

 

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