नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Cour) ने छत्तीसगढ में हुए कथित 1 हजार करोड़ के एनजीओ घोटाले ( NGO scam) की सीबीआई जांच पर गुरुवार को रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को दिए थे ये आदेश:
30 जनवरी 2020 को बिलासपुर हाईकोर्ट (High Court Bilaspur) की विशेष बेंच ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई (CBI) को सौंपा था। हाईकोर्ट ने मामले में पूर्व व वर्तमान आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले से संबंधित दस्तावेज 15 दिन में समाज कल्याण विभाग से जब्त करने कहा था।
सीबीआई ने 5 फरवरी को एफआईआर दर्ज कर ली थी। छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अफसर एमके राउत और विवेक ढांढ की याचिका पर यह रोक लगाई गई है।
क्या है पूरा मामला:
दरअसल रायपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने फर्जी संस्थान स्टेट रिसोर्स सेंटर (एसआरसी) (राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान) के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। इसी मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने सीबीआई से इसपर एफआईआर दर्ज कर जांच करने कहा था। तो वहीं उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है।