चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान की सेहत ठीक है और वह सही दिशा में जा रहा
देश के दूसरे चंद्रमिशन चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के एक दिन बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा है कि चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान की सेहत ठीक है और वह सही दिशा में जा रहा है। 3,850 किलो का चंद्रयान-2 का देश के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-एमके-3-एम 1 ने सोमवार को दोपहर 2:43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया था। चंद्रयान-2 के करीब 3.84 लाख किमी की यात्रा करने के बाद सात सितंबर को चांद की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसरो ने अपने बयान में कहा है कि रॉकेट से अलग होने के बाद यान का सौर उपकरण अपने आप ही सक्रिय और तैनात हो गया। बंगलूरू स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क ने अंतरिक्षयान को अपने नियंत्रण में कर लिया है।
ऐसा हो सकता है कि भारत का दूसरा चंद्रमिशन चंद्रयान-2 ऑस्ट्रेलिया के आसमान से गुजरा हो। यह कहना है विशेषज्ञों का। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी क्वींसलैंड और उत्तरी इलाके में सैकड़ों लोगों ने आसमान में तेज रोशनी देखी।
लोगों ने इस बारे में एक चैनल ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को बताया। चैनल ने एक प्रत्यक्षदर्शी शौना रॉयस के हवाले से बताया कि शौना ने क्वींसलैंड के जूलिया क्रीक कारवन पार्क के आसमान पर सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 7:30 बजे तेज रोशनी देखी।
कई लोगों ने इस मौके की अपने मोबाइल से तस्वीरें लीं और वीडियो भी बनाए। लोगों को लगा कि यह कोई एलियन या उड़नतश्तरी है। हालांकि, दक्षिणी क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी में खगोलभौतिकी के प्रोफेसर जांटी हॉर्नर ने कहा कि यह कोई एलियन नहीं है, बल्कि यह भारत के चांद पर जाने के निशान हैं। यह अमेरिका और रूस का युग नहीं है, बल्कि यह चीन और भारत का युग है, जो चांद पर जा रहे हैं।