विराट कोहली ने कहा 15 खिलाड़ियों के साथ बहुत खुश हैं यह सबसे संतुलित टीम है
कोहली ने कहा, ‘विजय शंकर टीम के लिए काफी कुछ लेकर आते हैं. उनको शामिल किए जाने से काफी खुश हूं.’ इससे पहले शंकर के चयन को लेकर चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने कहा था कि, ‘चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद हमने नंबर 4 पर कई खिलाड़ियों को मौके दिए. दिनेश कार्तिक, मनीष पांडे और अंबति रायडू को भी लेकिन विजय शंकर के साथ यह है कि वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी कर सकते हैं.
अगर इंग्लैंड की परिस्थतियां पक्ष में रहती हैं तो वह अहम किरदार निभा सकते हैं. वह अच्छे गेंदबाज हैं. हमने उन्हें नंबर 4 को ध्यान में रखकर ही चुना है, लेकिन टीम में दिनेश कार्तिक और केदार जाधव भी हैं.’
कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पहले कप्तान का बचाव करते हुए कहा, ‘यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई लोग उनकी (धोनी) आलोचना कर रहे हैं. मेरे लिए ईमानदारी सबसे ज्यादा मायने रखती है.’ कोहली ने कहा, ‘जब मैं टीम में आया था उनके पास कुछ मैचों के बाद दूसरे खिलाड़ियों को आजमाने का विकल्प था.
तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का भी मौका
हालांकि मैंने अपने मौके को भुनाया लेकिन मेरे लिए इस तरह का समर्थन मिलना काफी जरूरी था. उन्होंने मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का भी मौका दिया जबकि ज्यादातर युवाओें को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता है.’
जब एक तेज दिमाग एक शानदार प्रदर्शन करने वाले से मिलता है तो दोनों एक दूसरे का काफी सम्मान करते है और धोनी – कोहली का रिश्ता भी इससे अलग नहीं है. कोहली ने कहा, यह सिर्फ क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी में बदलाव के बारे में है. हम उन्हें कहते हैं कि आपको मैदान की स्थिति और पिच की गति के बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से पता है. हम एक दूसरे पर भरोसा और सम्मान करते हैं.
कोहली ने एक बार फिर कहा कि मैच की स्थिति को धोनी से बेहतर कोई नहीं पढ़ सकता. उन्होंने कहा, वह ऐसे खिलाड़ी है जो खेल को अच्छे से समझते हैं. वह पहली गेंद से 300वीं गेंद (50 ओवर) तक मैदान पर मैच को समझते हैं.
मैं यह नहीं कहूंगा कि उनका होना फायदे की बात है लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि उनके जैसा बेहतरीन क्रिकेटिंग माइंड वाला व्यक्ति विकेट के पीछे मौजूद है. विकेट के पीछे धोनी की मौजूदगी से कोहली बॉउंड्री लाइन के पास फील्डिंग कर सकते हैं क्योंकि वह बेहतरीन फील्डिंग के साथ शानदार थ्रो भी करते हैं.
कोहली ने कहा, ‘मैच की रणनीति के लिए मैं धोनी और रोहित शर्मा के साथ टीम प्रबंधन से चर्चा करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘डेथ ओवरों में मुझे पता है कि मुझे टीम के लिए सीमारेखा के पास रहना होगा क्योंकि यही मेरा स्वभाव है कि मैं टीम के लिए कुछ करना चाहता हूं, बजाय इसके की वहां सिर्फ मौजूद रहूं. 30-35 ओवर के बाद उन्हें पता होता है कि मैं सीमा रेखा के पास रहूंगा तो वह खुद ही कमान संभाल लेते हैं.’ हालांकि कोहली ने विश्व कप टीम को लेकर अपने फैसले के बारे में खुलकर नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इस ओर इशारा किया कि टीम को उनकी स्वीकृति मिली है.