नई दिल्लीः खाने-पीने की वस्तुओं और ईंधन के दाम बढ़ने से देश में रिटेल महंगाई की दर मार्च महीने में मामूली बढ़कर 2.86 फीसदी पर पहुंच गई. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित रिटेल महंगाई एक महीना पहले फरवरी में 2.57 फीसदी रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 फीसदी पर थी.
रिटेल महंगाई अब करीब आठ माह से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर चार फीसदी के दायरे में बनी हुई है. जुलाई, 2018 में यह 4.17 फीसदी रही थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में खाद्य वस्तु समूह की महंगाई दर बढ़कर 0.3 फीसदी हो गई जो कि फरवरी में 0.66 फीसदी घटी थी.
ईंधन और प्रकाश श्रेणी में भी महंगाई दर बढ़ी. मार्च में ईंधन और प्रकाश खंड में महंगाई दर बढ़कर 2.42 फीसदी हो गई, जो फरवरी में 1.24 फीसदी थी. फलों और सब्जियों में मार्च में क्रमश: 5.88 फीसदी और 4.90 फीसदी की गिरावट रही. अनाज और उत्पादों में महंगाई दर घटकर 1.25 फीसदी रह गई, जो पिछले महीने 1.32 फीसदी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए रिटेल महंगाई के अनुमान को घटाकर 2.9 से 3 फीसदी कर दिया है. खाद्य वस्तुओं और ईंधन कीमतों में कमी और वर्ष के दौरान सामान्य मानसून की उम्मीद के बीच केंद्रीय बैंक ने रिटेल महंगाई के अनुमान को कम किया.
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए रिजर्व बैंक ने रिटेल महंगाई की दर 3.5 से 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा करते समय रिटेल महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है.
इसी महीने पेश चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को चौथाई फीसदी घटाकर छह फीसदी कर दिया.