बालोद जिले में अलग-अलग 40 सड़क हादसों में 20 मौतें, 41 लोग हुए घायल
बालोद। इन दिनों जिले की सड़क खूनी सड़क के नाम से जानी और पहचानी जा रही हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हो रही लगातार मौतों से समाज सहम गया हैं। कई सड़क हादसों में हुई मौतें में यातायात विभाग की लापरवाही सामने आई है तो कईयों में चालको की लापरवाही। इन दिनों धान व गन्नो से भरी ओव्हरलोड गाड़ियां भी सड़कों में बेधड़क दौड़ रही हैं। कई सड़क हादसे तो इन ओव्हरलोड वाहनों की चपेट में आने से भी हुई हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार एक माह में याने की 1 जनवरी से 31 जनवरी 2019 तक जिले में अलग-अलग 40 सड़क हादसों में 20 मौतें हुई हैं तो वही 41 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। अधिकांश सड़क हादसों की वजह सड़कों में दौड़ रहे बेख़ौफ़ ओव्हरलोड वाहन हैं, जो यमराज बन सड़कों में बेधड़क दौड़ रहे हैं। जिसपर यातायात विभाग भी लगाम नही लगा पा रहा हैं।
लगाम लगाए भी कैसे, जब संबंधित अधिकारी ही इन वाहनों पर चालानी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते आ रहे हैं। वही सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भी कई वाहनों के मालिकों से यातायात विभाग का महीना फिक्स हैं। जो प्रति वाहन के हिसाब से दिया जाता हैं। बसों का भी महीना विभाग ने फिक्स कर के रखा हुआ है।
बालोद शहर के अंदर भारी ओव्हरलोड वाहनों के प्रवेश का भी महीना फिक्स किया गया हैं। यहां यह कहना गलत नही होगा कि आज यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ अपनी जेब गरम कर रहे हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह का भी मजाक बना कर रख दिया गया हैं।