मानसिक स्वास्थ के लिए जरूरी है चुप्पी तोड़ना, कार्यशाला में बोले विशेषज्ञ
रायपुरः बेहतर मानसिक स्वास्थ के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करना जरूरी है। चुपचाप रहकर सह लेने से मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है। यह कहना है कि मनोचिकित्सा विशेषज्ञों का। शासकीय दुधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम के प्रायोजक छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा जिला स्वास्थ्य समिति है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ संजीव मेश्राम ,डिस्ट्रिक्ट नोडल ऑफिसर ,मेंटल हेल्थ तथा मुख्य वक्ता डॉ जे सी आजवानी थे ।
“माइंड मैटर्स: ब्रेकिंग द साइलेंस ” विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे । महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ किरण गजपाल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए पहला और महत्वपूर्ण कदम है चुप्पी को तोड़ना। जो लोग हर आघात को चुपचाप सह लेते हैं या अपने मन के भावों को अभिव्यक्त नहीं करते उसका मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है।
जो लोग मानसिक स्वास्थ्य को नजर अंदाज करते हैं और उस पर खुलकर बात करने को शर्मनाक मानते हैं,उनको सबसे ज्यादा स्वास्थ्य समस्याएं झेलनी पड़ती है । अतः एक स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन जरूरी है ।
डां. जे सी अजवानी ने कहा कि, तनाव से बचा नहीं जा सकता पर उसके साथ जीने का प्रयास करना चाहिए । मानसिक अस्वस्थता छोटी या बड़ी नहीं होती ,यदि है तो अवश्य उस पर बात करें । समूह से अलग कर दिया जाएगा। इस भय से लोग चुप रहते हैं।
डॉ प्रीति नारायण, नोडल ऑफिसर , मातृत्व स्वास्थ्य ने कहा कि विकास के प्रयास निरंतर होने चाहिए , मेंटल हेल्थ अच्छी होगी तो हमारी प्रगति तय है । ब्रेन को भी प्रशिक्षित करते रहना चाहिए और कोई समस्या लगे तो काउंसलिंग जरूर करनी चाहिए ।
नोडल ऑफिसर संजीव मेश्राम ने कहा कि मेंटल हेल्थ खराब करने में नशा एक बड़ा कारण है । तनाव , एंजाइटी , डिप्रेशन आदि से कई लोग पीड़ित हैं । पहले बॉडी में अलार्म बजेगा फिर रेजिस्टेंस डेवलप होगा अंत में परेशानियां पैदा होंगी । कई चीजों को लेट गो करना होगा ।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ रिचा शर्मा ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है । वर्ल्ड फेडरेशन मेंटल हेल्थ द्वारा निर्धारित 2024 का थीम “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य” था.
यह आयोजन महाविद्यालय की सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श समिति और मनोविज्ञान विभाग द्वारा किया गया ।
पोस्टर मेकिंग और रील मेकिंग प्रतियोगिता में डिग्री गर्ल्स कॉलेज ,दुर्गा कॉलेज, देवेंद्र नगर कॉलेज और छत्तीसगढ़ कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया ।